आचार्य श्री विहर्ष सागर जी महाराज ससंघ का भव्य पिच्छिका परिवर्तन समारोह
बुधवार, 22 नवंबर 2023 को दोपहर 12:15 बजे से
शाश्वत सुख चाहते हो तो पर से दृष्टि हटाओ -अचार्य विहर्ष सागर जी महाराज
इंदौर। गणाचार्य श्री विराग सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य आचार्य श्री विहर्ष सागर जी महाराज ससंघ का पिच्छिका परिवर्तन समारोह, बुधवार, 22 नवंबर 2023 को दोपहर 12:15 बजे बड़ा गणपति स्थित, मोदी जी की नसिया, इंदौर पर भव्यता के साथ संपन्न होगा। इस चातुर्मास के आयोजक थे, श्री दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद, इंदौर , सोशल ग्रुप फेडरेशन, इंदौर रीजन एवं पंच लश्करी गोठ, नसियाजी।
दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद के अध्यक्ष श्री राजकुमार जी पाटोदी एवं प्रचार प्रमुख सतीश जैन ने बताया कि अहिंसा धर्म के पालन के लिए सभी संत अपने हाथों में मोर पंख से बनी पिच्छिका रखते हैं। चातुर्मास उपरांत इस संयम उपकरण, पिच्छी को बदला जाता है। जो श्रावक आचार्य श्री जी के नियम से संयम धारण करता हैं उन्हीं को पुरानी पिच्छिका देते हैं और ऐसे ही अन्य श्रावक से नई पिच्छिका लेते हैं। फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राकेश विनायका ने बताया कि चातुर्मास कलश स्थापना के कलशों का वितरण भी कल किया जाएगा, कलश लेने वाले सभी श्रावक सादर आमंत्रित हैं।
आचार्य विहर्ष सागर जी महाराज ने कहा कि दुनिया में कोई भी चीज कीमती नहीं है, आपके आगे। आप एंटीक पीस हो , किंतु आप अपनी कीमत नहीं समझ पा रहे हो, इसलिए दूसरे लोग भी आपकी कीमत नहीं करते। तुम इतना बड़ा धर्म स्वीकार कर रहे हो, क्या तुमने उसको समझ करके अपनाया ? जिस धर्म में आपको भगवान बनाने की शक्ति है, उस धर्म के बारे में कुछ सोचा ? जैन धर्म कहता है कि शरीर को भी अपना मत मानो, केवल मैं और मेरी आत्मा , आत्मा का विघात ना हो जाए।
गुरुदेव ने कहा कि शाश्वत सुख चाहते हो तो पर से दृष्टि हटाओ, सुनो सबकी करो मन की। देव, शास्त्र, गुरु के अलावा अन्य किसी को नमस्कार मत करो। हम चमत्कार दिखाने की बजाय, चमत्कार को ढूंढने जाते हैं, जैन धर्म को किसी बाबा की जरूरत नहीं। आपने आगे कहा कि कोई मूर्ति चमत्कारी नहीं होती, तुम्हारे नमस्कार में ही चमत्कार है ,आपका नमस्कार अच्छा होना चाहिए। आपने कहा कि नजर सबके पास है, पर नजरिया हर किसी के पास नहीं है। नजरिये का उपयोग नहीं करते, नजर का उपयोग करते हो , इसलिए घर-घर में लड़ाई- झगड़े होते हैं ।मुनियों का चौका लगाओ, आहार दान दो ।चौका लगाने से आपके भोग- उपभोग की सारी सामग्रियां मिल जाती है । गुरु की खूब उपासना करो , वितरागता की उपासना करो। गुरुदेव ने कहा कि भक्ति करने से सुंदर रूप की प्राप्ति होती है, त्याग- तपस्या करने से निधियों की प्राप्ति होती है। देव, शास्त्र , गुरु के आगे जो व्यक्ति झुकने में शर्माता है , उसको दूसरे के चरणों में झुकना पड़ता है।
आज आचार्य विराग सागर जी महाराज की चित्र का अनावरण गुड़गांव से पधारे श्री पारस जी – प्रीति जैन , विमल जी- माया जी झांझरी के साथ ही चातुर्मास कमेटी के पदाधिकारीयों ने किया।
इस अवसर पर कमल काला, पदम मोदी, प्रिंसपाल टोंग्या, आकाश पांड्या,कमल अग्रवाल, राजेश जैन के साथ ही सैकड़ो की संख्या में समाज जन उपस्थित थे । आचार्य श्री जी के प्रवचन कल दोपहर में ही होंगे।