कोरोना के प्रकोप से चीन पूरी तरह उबरा भी नहीं था कि रहस्यमयी निमोनिया का प्रकोप फैल गया है

China had not completely recovered from the Corona outbreak when an outbreak of mysterious pneumonia spread.
China had not completely recovered from the Corona outbreak when an outbreak of mysterious pneumonia spread.

कोरोना के प्रकोप से चीन पूरी तरह उबरा भी नहीं था कि रहस्यमयी निमोनिया का प्रकोप फैल गया है। जिसके कारण चीन पर बड़ा खतरा मंडराने लगा है। बढ़ते बीमारी के प्रकोप के कारण यहां स्कूल कालेज बंद कर दिए गए है। चीन सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है। कोरोना महामारी के प्रभाव से जूझ रहे चीन में अब नई बीमारी ने व्यापक स्तर पर दस्तक दे दी है। चीन के स्कूलों में एक और बीमारी पूरे देश में तेजी से फैल रही है। यहां के स्कूलों में रहस्यमयी निमोनिया का प्रकोप बढ़ रहा है, यह चिंताजनक स्थिति कोविड संकट के शुरुआती दिनों की याद दिला रही है। 500 मील उत्तर-पूर्व में बीजिंग और लियाओनिंग के अस्पतालों में बड़ी संख्या में बच्चे भर्ती हो रहे हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस रहस्यमयी निमोनिया के प्रकोप के चलते ज्यादातर स्कूल बंद हैं।इस रहस्यमयी निमोनिया से प्रभावित बच्चों के फेफड़ों में सूजन और तेज बुखार सहित असामान्य लक्षण नजर आ रहे हैं। हालांकि उन बच्चों में खांसी और फ्लू, आरएसवी और सांस की बीमारी से संबंधित अन्य दूसरे लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं। ओपन-एक्सेस सर्विलांस प्लेटफॉर्म प्रोमेड ने मंगलवार को खासतौर से बच्चों को प्रभावित करने वाली बिना डायग्नोज हुए निमोनिया की उभरती महामारी के बारे में चेतावनी जारी की है। प्रोमेड ने कहा, ‘यह बिल्कुल स्पष्ट नहीं है कि यह प्रकोप कब शुरू हुआ, क्योंकि इतने सारे बच्चों का जल्दी प्रभावित होना सामान्य बात नहीं है।’ इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी कि क्या यह एक और महामारी हो सकती है। लेकिन हमें अभी भी सावधानी बरतनी चाहिए। ताइवानी आउटलेट एफटीवी न्यूज ने बताया कि नए प्रकोप के चलते अस्पतालों में बीमार बच्चों की बहुत अधिक संख्या है। इसमें कहा गया है कि ‘माता-पिता ने सवाल किया कि क्या अधिकारी महामारी को छुपा रहे थे।’ लेकिन संदेह है कि नया प्रकोप माइकोप्लाज्मा निमोनिया से संबंधित हो सकता है, जिसे वॉकिंग निमोनिया के रूप में भी जाना जाता है, जो कथित तौर पर चीन में बढ़ रहा है।

Source – EMS

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