गोम्मटगिरी-पूरे जैन समाज को अंधेरे में रख मात्र दो पदाधिकारी बैठक में शामिल हो निर्णय ले लेते है..क्या यह उचित है
इंदौर (हेमंत जैन)। तीर्थ स्थल गोम्मटगिरी में जैन समाज और गुर्जर समाज का विवाद सुलझाने के लिए कैलाश विजयवर्गीय ने एक बैठक बुलाई जिसमें कलेक्टर भी मौजूद थे। सबसे बड़ी आश्चर्य की बात यह है कि इस बैठक की जानकारी जैन समाज के लोगो थी ही नहीं केवल कुछ पदाधिकारी/ट्रस्टी समाज को बिना सूचित किए बैठक में शामिल होते है और निर्णय ले लेते है। फिर अगले दिन पता चलता है कि गुर्जर समाज के डालचंद गुर्जर का कहना है कि हमें कोई निर्णय मान्य नहीं और ना ही हमारे द्वारा कोई पदाधिकारी अधिकृत किया गया था। डालचंद गुर्जर कहते है हमें कोर्ट का निर्णय सर्वमान्य है हमारा इस बैठक में लिए गए नि$र्णय से कोई लेना देना नहीं।
इस घटनाक्रम से पूरे जैन समाज में आक्रोश है समाजजनों का कहना है कि एक तो बिना बताये गुपचुप तरीके से बैठक की जाती है वहीं समाज को अंधेरे में रख अपनी मनमर्जी का निर्णय लिया जाता है कुछ लोगों ने तो यहां तक कहा कि एक समय जैन समाज एक इंच भी जमीन नहीं देना चाहता था तो फिर ५० फिट तक की जमीन के लिए कैसे तैयार हुआ? अभी भी समाज के कुछ कतिपय लोग अपनी हठधर्मिता के कारण समाज को हंसी का पात्र बना रहे हैं। वहीं इस बैठक में उन्हीं लोगों को बुलाया गया जो बिना विवाद के समझौता करने को तैयार थे। अब पूरा मामला पटल गया है और एक नया विवाद फिर जैन समाज में खड़ा होता दिखाई दे रहा है वहीं कई लोगों ने इस घटना में अपनी अपनी प्रतिक्रिया दी है।