क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया बनेंगे प्रदेश के नये मुखिया या शिव के राज में ही रहेगी कमान
भाजपा का x फेक्टर
भोपाल। विधानसभा चुनाव में भाजपा के मिले प्रचंड बहुमत ने सबको आश्चर्यचकित कर दिया है। कोई इसे मोदी का मैजिक कह रहा है तो कोई इसे शिवराज की लाड़ली बहना योजना का जादू, लेकिन इन सबके बीच कुछ लोगों का मानना है कि सिंधिया इस जीत की प्रमुख कड़ी है। इस बार ग्वालियर क्षेत्र में सिंधिया की अग्रि परीक्षा थी जिसमे वे सफल भी रहे ज्ञात हो कि कांग्रेस पार्टी को उनकी नाराजगी के कारण ही साल भर में सत्ता छोड़ना पड़ी थी और इस बार तो पूरा सूपड़ा ही साफ हो गया है।
चुनाव समाप्ति के बाद और कई दिग्गज मंत्रियों के इस विधानसभा में हारने के बाद यह कयास लगाये जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री का पद शायद बदला जा सकता है, लेकिन यह इतना आसान नहीं है सभी जानते है कि शिवराजसिंह की लोकप्रियता और उनकी शुरु की गई योजनाओं ने विशेष तौर पर मतदाताओ के हृदय मेंं छाप छोड़ी है। वही सिंधिया इस चुनाव की पिक्चर में ज्यादा नहीं दिखे लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वे मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर है।
असल में सिंधिया भी उन्हीं प्रमुख कड़ियों में से है जो मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों को जोड़ती है। शिवराज और सिंधिया के अलावा प्रदेश में और कोई चेहरा ऐसा नहीं है जो मुख्यमंत्री पद के सटीक चेहरा माना जाए। अब देखना यह है कि लोकसभा चुनाव के पहले या बाद में प्रदेश की राजनीति में किस तरह का बदलाव आता है।
Rahul