दुनिया में 18 रिश्ते- नाते होते हैं, इन्हीं ने हमारे अनंत भव बिगाड़ दिए। हमें शत्रुओं से नहीं अपनों से बचना है
आ.विहर्ष सागर जी महाराज
इंदौर । श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर, माणक चौक , इंदौर में अचार्य विहर्ष सागर जी महाराज ने कहा कि आज साल का आखरी दिन है, सब इसे 31st के रूप में रात्रि में मनाएंगे, हमने सात्विकता के साथ इसे सुबह-सुबह ही मना लिया। आपने कहा दीक्षा आसान नहीं है, अपनी आत्मा को कभी मत भूलना, आपकी आंखों में हमेशा आत्मा दिखना चाहिए। जहां पर ना रहे कोई इच्छा वो है दीक्षा। दुनिया में 18 रिश्ते नाते होते हैं इन्हीं रिश्तों ने हमारे अनंत भव बिगाड़ दिए। हमें शत्रुओं से नहीं अपनों से बचना है, हम अपनों पर विश्वास करते रहे और वे ही हमें ठगते रहे। जहां-जहां राग है, वही द्वेष है । शत्रु कभी पैदा नहीं होते, वे यही बनते हैं। आपने कहा कि
हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था हमारी कश्ती वहां डूबी जहां पानी कम था
जिंदगी की बहुत सी लड़ाइयां हम अपनों के कारण हारे हैं। आपने पूछा कि यहां कौन-कौन अपना है ? फिर कहा कि यहां कोई अपना नहीं है । जब भी चेतन / अचेतन को अपना मान लेते हो उस दिन से उसके गुलाम हो जाते हो। जब से संतान उत्पन्न हुई आपने अपने शौक कम दिए। गुलाम ही बनना है, तो अपनी आत्मा के बनों। आपने कहा कि
रिश्ते नाते झूठे हैं सब, स्वार्थ का झमेला है *
कल भी मन अकेला था, आज भी अकेला है
जिंदगी के मंडप में खुशी कुंवारी है, मांगते हो तुम किससे, यहां सब भिखारी हैं।
आप अकेला अवतरे, मरे अकेला होय
आगम में ये सभी लिखा है, किंतु आप गहराई में नहीं गए, आप अपना स्वरूप भूल गए।
तत्वसार ग्रंथ में लिखा है , कि तत्व दो प्रकार के होते हैं
एक स्वा गत तत्व , दूसरा पर गत तत्व यदि भगवान बनना है तो भगवान को भी छोड़ना पड़ेगा, क्योंकि भगवान भी पर गत तत्व हैं। परमात्मा के सामने जाओ, तो कहना मैं आपके माध्यम से अपनी आत्मा को देखना चाहता हूं। हे प्रभु एक बार आप हमें देख लो तो हमारे जन्म – मरण मिट जाएंगे।
आचार्य श्री जी की आठ द्रव्यों से पूजा मुनि श्री विजयेश सागर एवं मुनि श्री विश्व हर्ष सागर जी महाराज ने करवाईं।
दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद के प्रचार प्रमुख सतीश जैन ने बताया कि रविवार , को प्रातः भक्तांबर जी का पाठ किया गया , प्रवचन व आहार के पश्चात दोपहर 3:00 बजे अचार्य संघ का विहार मोदी जी की नसिया के लिए हुआ। सोमवार की सुबह 5:00 बजे से वही कार्यक्रम होंगे । तत्पश्चात पूरा संघ मारवाड़ी मंदिर जाएगा जहां स्वर्ण एवं चांदी के कलशों से स्फटिक की प्रतिमाओं का कलशाभिषेक होगा। आचार्य श्री जी के प्रवचन भी प्रातः 9:00 बजे वही होंगे
इस अवसर पर समाज श्रेष्ठी , सुशील पांड्या , अनिल जैन ‘जैनको ‘ सुदीप जैन, कमल काला, कैलाश चंद जी जैन , नेमी बड़कुल, सतीश जैन, सुनील दिवाकर, कैलाश वेद,कमलेश सिंघई, कैलाश लुहाड़िया , प्रदीप बड़जात्या सहित अमेरिका, दिल्ली ग्वालियर, बीना से आए सैकड़ो भक्तजन मौजूद थे।
धर्म सभा का सफल संचालन भरतेश बड़कुल ने किया।
चित्र संलग्न है
सतीश जैन (इला बैंक)
प्रचार प्रमुख