साधु किसी पंथ के नहीं होते, वो तो आगम पंथी होते हैं , महावीर स्वामी का पंथ वीतरागी है- आ.विहर्ष सागर जी महाराज
इंदौर । श्री आदिनाथ दिगंबर जैन नया मंदिर, संविद नगर कनाड़िया रोड, इंदौर में अचार्य विहर्ष सागर जी महाराज ने कहा कि मंदिर जी में प्रवेश करने पर भगवान को हम किस भावना से देखते हैं, श्रीजी एक ऐसी कोचिंग है, जिन्होंने अनंतानंत सिद्ध परमेष्ठी बना दिए। यह वो संस्था है , जिन्होंने कितने लोगों को सिद्ध बना दिया है। हम अनादि से जन्म- मरण करते आ रहे हैं। हम संसार में अतिथि बनकर आए हैं, तो अपनी मनमर्जी क्यों चलाते हैं ? भ्रांतियां में हमारा जीवन निकल रहा है, भगवान के नियम क्वालिटी वाले होते हैं, जिनको मुनि महाराजों ने ग्रहण करके रखा है। हमने धर्म को क्रियाओं से जोड़ दिया है ,और क्रियाओं से ही झगड़े होते हैं। साधु किसी पंथ के नहीं होते, वो तो आगम पंथी होते हैं। महावीर स्वामी का पंथ वितरागी है, ये बताता है कि कैसे अवगुणों को छोड़कर संयम धारण करना है। आपने कहा कि
किससे मांग रहा है, पगले यह तेरा परिवार नहीं,
कोई किसी का दर्द घटा दे, ऐसा कोई इंसान नहीं।
हर व्यक्ति दूसरे को समझाने में लगा है, स्वयं समझने को कोई तैयार नहीं है। भ्रम के जादू को तोड़ना ही धर्म है ।आपने कहा कि विश्वास सब पर करना, पर भरोसा अपने आप पर ही रखना, भगवान ने अपने आप पर भरोसा किया और वे सिद्धालय पहुंच गए। हे प्रभु आप तो केवल ज्ञानी हो, तीनों लोकों के विजेता हो, अब मेरा मुझे मिलन करा दो, तो मैं भी आपके परिवार में आ जाऊंगा।
आपने कहा कि सारे शास्त्रों का निचोड़ है, दर्पण। आठ प्रातिहार्या और 8 मंगल द्रव्यों में एक द्रव्य, दर्पण भी होता है। दर्पण हमें दो शिक्षा देता है
– एक सबका स्वागत करो
– दो संग्रह किसी का मत करो
सबसे बड़ा सत्य दर्पण बोलता है, वह टूट कर भी सत्य बोलता है, पर मनुष्य टूटने के डर से सत्य नहीं बोलता । जो भगवान के मंदिर में एक होकर नहीं बैठ सकते वे सिद्ध भगवान नहीं बन सकते। प्राणी मात्र से प्रेम करो। सबसे बड़ा रोग है, क्या कहेंगे लोग ? आत्मा में केवल देव, शास्त्र, गुरु होना चाहिए । आत्मा में आत्मा को रहने दो, हमें सब को छोड़ना है, किसी को अपना नहीं मानो। परिचय से दूर होते चले जाओ।
मुनि श्री विजयेश सागर जी महाराज ने भी अपने आशीर्वचन दिए।
आचार्य श्री जी की आठ द्रव्यों से पूजा मुनि श्री विश्व हर्ष सागर जी महाराज एवं बा. ब्रह्मचारिणी नीतू दीदी ने करवाईं।
दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद के प्रचार प्रमुख सतीश जैन ने बताया कि आज के मुख्य अतिथि थे, पार्षद श्री राजीव जैन एवं श्रीमती मुद्रा शास्त्री। आचार्य श्री जी के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य श्री विनोद कुमार शाह परिवार को प्राप्त हुआ ।
इस अवसर पर समाज श्रेष्ठी , श्री एल सी जैन , ज्ञानेश जैन , विमल अजमेरा ,अरविंद जैन, सतीश जैन, सत्येंद्र जैन, आनंद पहाड़िया, , गौतम जैन सहित सैकड़ों समाज जन मौजूद थे।
कल प्रातः 8:45 बजे से प्रवचन यही होंगें। दोपहर 3:30 से सामायिक एवं 6:15 से गुरु भक्ति होगी।
धर्म सभा का सफल संचालन ट्रस्ट मंत्री श्री महावीर जैन ने किया।
सतीश जैन (इला बैंक)
प्रचार प्रमुख