सुमतिधाम पर विशुद्धसागर का हुआ मंगल प्रवेश, हेलीकॉप्टर से हुई पुष्पवर्षा
आचार्यश्री की अगवानी में उमड़ा गुरू भक्तों का जनसैलाब, महिला मंडल ने दी गरबों की प्रस्तुतियां, मार्गों पर गुरूवर की अगवानी के लिए रंगोली भी बनाई
पंजाब, गुजरात, बंगाल व केरल के कलाकारों ने मोहा सभी का मन, हनुमंत ध्वज पथक के 70 कलाकारों ने ढ़ोलक की प्रस्तुति से जीता सभी का मन
इन्दौर रविवार का दिन दिगंबर जैन समाज के लिए उत्साह, उमंग और खुशियों से भरा रहा। दोपहर 3 बजे जैसे ही आचार्यश्री चर्याशिरोमणि श्री 108 विशुद्धसागर जी महाराज अपने 26 साधु संघ के साथ जुलूस के रूप में सुमतिधाम पर प्रवेश करने निकले वैसे ही भक्तों का उत्साह देखने लायक था। हजारों की तादाद में उपस्थित भक्तों ने गुरूवर की अगवानी में मार्ग पर जगह-जगह रंगोली भी सजाई गई। आचार्यश्री की एक झलक पाने के लिए सभी भक्त आतुर दिखे।
पंचकल्याणक महामहोत्सव समिति आयोजक मनीष-सपना गोधा ने बताया कि इन्दौर की धरा पर देश का सबसे बड़ा पंचकल्याणक महामहोत्सव होने जा रहा है। जिसकी शुरूआत आज आचार्यश्री विशुद्धसागर महाराज के मंगल प्रवेश के साथ शुरू हो गई। आचार्यश्री का मंगल प्रवेश जुलूस गोम्मटगिरी से निकाला गया। मंगल प्रवेश जुलूस में पंजाब, गुजरात, बंगाल व केरल के कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति से सभी आमजनों का मन मोह लिया। इसी के साथ हनुमंत ध्वज पथक के 70 कलाकारों ने मार्ग में अपनी ढ़ोलक की प्रस्तुति से सभी आमजनों का दिल जीत लिया। जुलूस के मार्ग में 50 से अधिक विभिन्न सामाजिक मंचों से आचार्यश्री की अगवानी की गई। जुलूस में बग्घियों पर सवार इंद्र-इंद्राणी भी आचार्यश्री की महिमा का गुणगाण कर रहे थे। जुलूस मेें हाथी, घोड़े, ऊंट, रथ व बग्घियों के साथ ही बैंड़-बाजों की स्वर लहरियों पर समाज बंधु नाचते-झूमते सुमतिधाम की ओर बढ़ते चले गए।
हेलिकॉप्टर से हुई पुष्प वर्षा
गोम्मटगिरी से सुमतिधाम की ओर जाने वाले एक मार्ग पर जहां जुलूस निकल रहा था तो वहीं दुसरी ओर मार्ग पर यातायात बाधित न हो इसके लिए 50 से अधिक पदाधिकारी व कार्यकर्ता व्यवस्था संभाले हुए थे। आचार्यश्री का मंगल जुलूस जैसे ही गोम्मटगिरी से सुमतिधाम की ओर बढ़ा तो मार्ग में हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी की गई। गुरूवर की अगवानी में पुष्पों की वर्षा का यह नजारा जिस किसी भी भक्त ने देखा उसे अपने मोबाइल में कैद कर लिया।
महिलाओं ने बजाया ढोल, दी अपनी प्रस्तुतियां
आचार्य विशुद्ध सागर महाराज की अगवानी में जहां एक ओर महिलाओं ने रंग-बिरंगे गुब्बारे आसमान में उड़ाए तो दुसरी ओर मंगल जुलूस के मध्यभाग में महिलाओं ने ढ़ोल बजाकर आचार्यश्री के प्रवेश पर अपनी खुशियां जाहिर की। जैसे-जैसे मंगल जुलूस सुमतिधाम की ओर बढ़ा वैसे-वैसे लोग आचार्यश्री के पीछे जुढ़ते चले गए।
सुमतिधाम का नजारा जिसने भी देखा वह देखता रह गया
आचार्यश्री का मंगल प्रवेश जुलूस जैसे ही सुमतिधाम पहुंचा वहां गुरूवर की अगवानी मनीष-सपना गोधा द्वारा की गई। आचार्यश्री के आगे-आगे नाचते-झमते गोधा परिवार के सदस्य अपनी खुशियां जाहिर कर रहे हैं। सुमतिधाम पर आचार्यश्री विशुद्धसागर महाराज के सान्निध्य में पंचकल्याणक महोत्सव आयोजित होगा। इसके लिए अतिथियों के लिए 100 कोटेज बनाए गए हैं वहीं इंद्र-इंद्राणियों, अतिथियों व समाज बंधुओं के लिए 4 भोजन शाला बनाई गई है। पंचकल्याणक महोत्सव की सभी विधियां जिस स्थान पर होगी वह भी वातानुकूलित बनाया गया है जिसमें लगभग 5000 हजार इंद्र-इंद्राणियों की बैठने की व्यवस्था की गई है। प्रवचन हाल के बाहर का दृश्य आकर्षक थर्माकोल से डिजाईन किया गया है जिसकी सुंदरता दुर से ही दिखाई पढ़ती है। सुमतिनाध और संत निवास के मध्य खाली स्थान पर 30 फीट की सुमतिनाथ की प्रतिमा रहेगी जिस पर लेजर लाईट शो भी होगा।
पंचकल्याणक महामहोत्सव समिति आयोजक मनीष-सपना गोधा ने बताया कि पंचकल्याणक महामहोत्सव 6 से 11 मार्च तक आयोजित किया जाएगा। इस दौरान 51 इंच की श्वेत वर्णी सुमतिनाथ की प्रतिमा के साथ ही 24 तीर्थंकरों की प्रतिमाएं नूतन जिनालय सुमतिधाम पर विराजित होगी। महोत्सव के दौरान चर्याशिरोमणि श्री 108 विशुद्धसागर जी महाराज द्वारा नूतन जिनालय सुमति धाम व संत निवास सौभाग्य सदन का लोकार्पण भी करेंगे।