डॉ. मनसुख मांडविया ने एनईआईजीआरआईएचएमएस में नई सुविधाओं का उद्घाटन किया

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज मेघालय के शिलॉन्ग में उत्तर पूर्वी इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विज्ञान संस्थान (एनईआईजीआरआईएचएमएस) में एक नए क्षेत्रीय कैंसर केंद्र, एक नए अंडर-ग्रेजुएट मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज की नई इमारत, हॉस्टल, 8 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, एक वर्चुअल ऑटोप्सी और नए गेस्ट हाउस का उद्घाटन किया। उन्होंने संस्थान में 150 बिस्तरों वाले क्रिटिकल केयर ब्लॉक की आधारशिला भी रखी। इस दौरान मेघालय विधानसभा सदस्य श्री हेविंग स्टोन खारप्रान और एनईआईजीआरआईएचएमएस निदेशक प्रोफेसर नलिन मेहता भी उपस्थित थे।
उद्घाटन समारोह में बोलते हुए डॉ. मांडविया ने कहा, “एनईआईजीआरआईएचएमएस में नई सुविधाएं उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लोगों को बहुत जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेंगी। केंद्र सरकार उत्तर पूर्वी क्षेत्र में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में सुधार और क्षेत्र के लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि एनईआईजीआरआईएचएमएस में नई सुविधाएं उत्तर पूर्वी क्षेत्र में चिकित्सा पेशेवरों को आकर्षित करने और बनाए रखने में मदद करेंगी। एनईआईजीआरआईएचएमएस में कार्य संस्कृति और स्वच्छता की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार एनईआईजीआरआईएचएमएस में बुनियादी ढांचे को और विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि संस्थान उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए स्वास्थ्य सेवा और संबद्ध स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के चिकित्सा उपचार, अनुसंधान और प्रशिक्षण का केंद्र बना रहे।
डॉ. मांडविया ने कहा कि केंद्र सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को समग्र दृष्टिकोण से देखती है। उन्होंने कहा, “हम न केवल नए और उन्नत चिकित्सा बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे हैं। हम डॉक्टरों और नर्सिंग सामग्री की संख्या भी बढ़ा रहे हैं। पिछले नौ वर्षों में देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी हो गई है। देशभर में 1,70,000 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाए गए हैं। हम देश के हर जिले में एक क्रिटिकल केयर यूनिट भी बना रहे हैं”।
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प्रोफेसर नलिन मेहता ने कहा कि नई सुविधाओं से एनईआईजीआरआईएचएमएस में स्वास्थ्य सुविधाओं में काफी सुधार होगा और मेघालय में एमबीबीएस और बीएससी नर्सिंग कोर्सेस की सीटों में वृद्धि होगी। उन्होंने आगे कहा कि उत्तर पूर्वी क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाओं में सुधार होने से लोगों को इलाज के लिए देश के दूसरे क्षेत्रों में दूर नहीं जाना पड़ेगा।
Source – PIB