जो काम नारिया करती है वो काम पुरुष कभी नहीं कर सकता : हार्दिक हुंडिया

विश्व हिन्दी अकादमी द्वारा आयोजित आंतरराष्ट्रीय महिला गरिमा सम्मान समारोह में वरिष्ठ समाज सेवी हार्दिक हुंडिया ने बताया कि आज नाटक कर्ण देख के ऐसा लगा कि जो तीन कलाकार युवतियाँ ने जो रोल निभाया है वो अभिनय पुरुष कभी नहीं कर सकता । हार्दिक हुंडिया ने कहा कि महिलाओं के सम्मान के लिये आंतरराष्ट्रीय महिला दिन है लेकिन पुरूस के लिये क्यों नहीं ? आज मूजे इनका जवाब नाटक कर्ण देख के मिल गया । नाटक कर्ण में तीन महिला कलाकार ने महाभारत के अनमोल पात्र कर्ण , कृष्ण , धूतराष्ट्र जैसे कई अलग अभिनय कर के भारतीय संस्कृति का एक अनमोल संदेश दिया है । हार्दिक हुंडिया ने मन की बात बताते हुये कहा कि एक महिला पुरुष का कोई भी किरदार निभा सकती है लेकिन एक पुरुष सीता , द्रौपदी , कुंती जैसे अनमोल अभिनय नहीं कर सकता इसी लिये आंतराष्ट्रीय महिला दिन महिलाओ का सम्मान होता है ।हार्दिक हुंडिया की ये बात सुनकर तालियों के गड़गड़ाहट से गूंज उठा ।

कई सालों से आंतरराष्ट्रीय महिला दिन सम्मान समारोह रखने वाले केशव राय की सभी ने बहित तारीफ़ की । ये कार्यक्रम में केतकी पंडित , अनाया ब्रह्मा, रूपाली सिसोदिया , रेखा ख़ान , मोनिका जैन , मिनु सिंह , नीतू सिंह , एकता जैन , आनंदी त्रिपाठी , डॉ प्रज्ञा शर्मा , कल्पना तिवारी , डॉ ख़ुशी ठक्कर , मनीषा उपाध्याय , कायनात ख़ान , रेखा चौधरी , पुष्पा वर्मा , श्वेता दुआ , विद्या सहगल जैसी महिलाओ का सम्मान हार्दिक हुंडिया , दीपक भानुशाली , डॉ विनोद भल्ला , कुमार राज , पूजा जी , गीता यादव, अनिल काला के हाथों से किया गया ।

मुंबई में मुक्ति कल्चरल हॉल , मॉडल टाउन में महिला सम्मान समारोह में अशोक भाटिया प्रस्तुत कुविन्दर बख़्शीश द्वारा निर्देशित नाटक कर्ण की सभी ने बहुत तारीफ़ की है ।