महावीर किसी एक पंथ के नहीं, सम्पूर्ण मानवता के भगवान: राष्ट्र-संत चन्द्रप्रभ

संबोधि धाम में महावीर जयंती पर हुआ विराट 18 अभिषेक महापूजन समारोह, श्रद्धालुओं ने किया

Mahavir does not belong to any one sect, God of entire humanity: Rashtra-Saint Chandraprabh

जोधपुर, । राष्ट्र-संत चन्द्रप्रभ ने कहा कि भगवान महावीर केवल जैनों के नहीं वरन् सम्पूर्ण मानवता के भगवान हैं। उन्होंने जितनी साधना की और उपसर्ग सहन किए, वैसा आज तक कोई भी न कर पाया। वे नारी जाति के लिए वरदान बनकर आए। उन्होंने चन्दनबाला के रूप में नारी को बिक्री की वस्तु से हटाकर श्रद्धा की मूर्ति का स्थान दिलवाया। अगर उनके अहिंसा, अनेकांत, समता, समानता, सहयोग जैसे संदेशों को विश्वभर में फैला दिया जाए तो विश्व शांति का सपना शीघ्र साकार हो सकता है।

संत श्री रविवार को संबोधि धाम में महावीर जयंती के मंगलमय अवसर पर आयोजित विराट 18 अभिषेक महा पूजन समारोह में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जहाँ राम दिए हुए वचन को निभाने के लिए प्रेरणा स्तंभ हैं, वहीं महावीर लिए हुए संकल्प पर दृढ़ रहने के आदर्श हैं। सिकन्दर बनकर दुनिया को जीतना सरल है, पर उसी सिकन्दर के लिए स्वयं को जितना मुश्किल है। जो स्वयं को जीतते हैं, वही एक दिन महावीर बनते हैं। जैसे राम ने रावण का और कृष्ण ने कंस का संहार किया वैसे ही महावीर ने क्रोध और कषाय के कंस का एवं राग और द्वेष के रावण का अंत कर सदा-सदा के लिए नमो अरिहंताणम् बन गए।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी भारत के राष्ट्रपिता हैं, पर भगवान महावीर भारत के प्राण हैं, क्योंकि गांधी ने महावीर द्वारा प्रदत्त अहिंसा के अस्त्र से ही भारत को आजादी दिलवाई थी। उन्होंने कहा कि महावीर के संदेश तब भी उपयोगी थे, आज भी उपयोगी हैं और सदा उपयोगी बने रहेंगे। वे कभी आउट ऑफ डेट नहीं होंगे। सदा अप-टू-डेट बने रहेंगे। महावीर के अनुयायियों सदा ध्यान रखो कि नेता को वोट, अमीर को नोट और आगे बढ़ने वालों को सपोर्ट चाहिए, पर महावीर को केवल आपकी खोट चाहिए, ताकि वे आपको खरा बना सकें। महावीर को भीड़ नहीं, भाव चाहिए, सिक्के नहीं, श्रद्धा चाहिए। उन्हें मंदिर में नहीं, मन में बिठाएँ। वैभव का तो वे त्याग करके आए थे इसलिए उन्हें वैभव चढ़ाने की बजाय अपनी बुरी आदतें चढ़ाएँ ताकि आपका जीवन निर्मल और पवित्र बन सके।

इससे पूर्व सैकड़ों श्रद्धालु भाई बहनों ने संबोधि धाम में महावीर जयंती पर आयोजित विराट 18 अभिषेक महा पूजन समारोह में पद्मासन में विराजमान 51 इंच ऊंची भगवान की प्रतिमा का महा मस्तकाभिषेक संपन्न किया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने विविध नदियों के जल, औषधि मिश्रित चूर्ण और पंचामृत आदि अट्ठारह प्रकार से परमात्मा का अभिषेक किया।

भक्तों ने महारानी त्रिशला माता द्वारा देखे गए ऋषभ, सिंह, लक्ष्मी जैसे 14 महान सपनों का झूमते गाते हुए बधावना किया। इस दौरान भगवान के पालने को झुलाने का लाभ श्रीमती उषा जैन संपत राज जैन परिवार ने लिया। इस अवसर पर समारोह के संयोजक सुरेश दिलीप मेहता, मीना जैन परिवार का संबोधि धाम ट्रस्ट मंडल द्वारा अभिनंदन किया गया।

कार्यक्रम में राष्ट्रसंत ललितप्रभ, राष्ट्रसंत चंद्रप्रभ और डॉ. मुनि शांतिप्रिय महाराज साहब प्रभु महावीर के भजनों की सरिता बहाई। समारोह के अंत में महा आरती करने का सौभाग्य संजय मेहता परिवार ने लिया। कार्यक्रम में के एन भंडारी, किशन गर्ग, अशोक पारख, अशोक जोहरी, कीर्ति खजांची, नवरतन मानधना आदि विशेष रूप से मौजूद थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button