श्रुत महोत्सव पर नैनागिरि में हुए विविध कार्यक्रम

On the occasion of Shrut Mahotsav, various programs took place in Nainagiri under the guidance of Yugal Munishree.
On the occasion of Shrut Mahotsav, various programs took place in Nainagiri under the guidance of Yugal Munishree.

बकस्वाहा / – तहसील के सुविख्यात श्री दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र रेशंदीगिरि नैनागिरि में अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी पूज्य आचार्य श्री बसुनंदी जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य युगल मुनि श्री शिवानंद जी व प्रशमानंद जी महाराज के मंगल सानिध्य में त्रिदिवसीय श्रुत महोत्सव विविध धार्मिक सामाजिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ भारी जनसमूह की उपस्थिति में संपन्न हुआ । इस कार्यक्रम को देश के सुप्रसिद्ध प्रतिष्ठाचार्य पं. सनत कुमार पं. विनोद कुमार रजवांस , पं. मनोज आहार व पं. अशोक बम्हौरी के मार्गदर्शन में धार्मिक अनुष्ठान विधि विधान से कराया गया।

महामस्तिकाभिषेक एवं विधान में उमड़ा भक्ति का सैलाब

जैन तीर्थ नैनागिरि ट्रस्ट कमेटी के मंत्री राजेश रागी ने विज्ञप्ति में बताया कि बरदत्तादि ऋषिराजों की निर्वाण तथा भगवान पारसनाथ की समवशरण स्थली एवं अनेक आचार्यों की साधना, तपस्थली जैन तीर्थ नैनागिरि में श्रुत महोत्सव के पावन अवसर पर प्रातः काल गिरिराज पर स्थित पारसनाथ चौबीसी जिनालय में भगवान पारसनाथ का महामस्तकाभिषेक , शांतिधारा पूजन एवं श्रुत स्कंध विधान युगल मुनि के मंगल सानिध्य में किया गया , जिसमें संगीतकार अखिलेश जैन अखिल बकस्वाहा एण्ड पार्टी की स्वर लहरियों पर सैकड़ो इंद्र इंद्राणियों ने भक्तिभाव से अर्घ्य समर्पित कियें । Shrut Mahotsav

गजराज पर ताम्र षटखण्डागम की निकली शोभायात्रा

सुबह पर्वतराज स्थित पारसनाथ चौबीसी जिनालय से ताम्र पत्रों पर अंकित षटखण्डागम ग्रंथ के प्रथम खण्ड की हाथी / गजराज पर शोभायात्रा निकाली गई , जिसमें चारों ग्रंथ संस्थापनकर्ता सिं. अशोक कुमार शुभांशु जैन मझगुवां बाले बकस्वाहा, डा. वीरेन्द्र चंदेरिया हटा, सुरेश सिंघई विकास सिंघई सुनवाहा, डा. एस. के. जैन इन्दौर गज/हाथी पर सिंहासन में विराजमान षटखण्डागम ग्रंथ के साथ चल रहे थे। शोभायात्रा आचार्य श्री देवनंदी स्वाध्याय एवं शोध संस्थान से तलहटी स्थित मंदिर समूह के निकट देश का अद्वितीय षटखण्डागम श्रुत मंदिर जी पहुंची जहां पर युगल मुनिश्री के मंगल सान्निध्य में इन संस्थापितकर्ताओं ने ग्रंथ को विधि-विधान से विराजमान किया । Shrut Mahotsav

वरदत्त विश्राम भवन हुआ उद्घाटित

तलहटी में स्थित मंदिर समूह से लगे हुए आवासीय धर्मशाला परिसर व विशाल पंचकल्याणक सभामण्डप के पास आधुनिक सुविधाओं से युक्त बातानुकूलित वरदत्त विश्राम भवन का उद्घाटन किया गया । यह भवन तीन खण्डों में बनाया जा रहा है जिसमें अभी भू-तल एवं प्रथम तल पर 6 – 6 कमरें तैयार हो गये, जिनमें भू-तल के सौजन्यकर्ताओं में अरविंद कुमार – मुक्ता जैन परिवार सिहोरा (जबलपुर) , सिंघई अशोक कुमार – चंपा देवी जैन मझगुवां बाले परिवार बकस्वाहा , डा. सचींद्र – सविता मोदी परिवार तेंदूखेड़ा (नरसिंहपुर) , इंजी. के. सी. जैन, डा. हार्दिक,इंजी. विमल नाहर परिवार बड़ाशाहगढ़ वाला परिवार , चौ. ज्ञानचंद निर्मल कुमार अभय कुमार पतरिया परिवार राजिम नवापारा , ब्रह्म. सुनीता दीदी प्रेमचंद पदम कुमार परिवार बांसा तारखेडा (दमोह) शामिल हैं तथा प्रथम व द्वितीय तल के सौजन्यकर्ताओं हेतु नाम आमंत्रित हैं । Shrut Mahotsav

राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन

नैनागिरि में आचार्य देवनंदी स्वाध्याय एवं शोध संस्थान संचालित है जिसमें हजारों प्राचीन ग्रंथ विराजित हैं , यहां से शोधार्थी लाभ ले रहे हैं । यहां अनवरत हर वर्ष विविध कार्यक्रम आयोजित होते आ रहे हैं। इस वर्ष श्रुत महोत्सव के पावन अवसर पर युगल मुनिश्री के मंगल सान्निध्य में जैन ग्रंथालयों का कम्प्यूटरीकरण विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। Shrut Mahotsav

जिसमें संगोष्ठी के मुख्य वक्ता कम्प्यूटर विशेषज्ञ डाॅ. के. कृष्णाराव ने कहा कि डिजिटल युग में यदि हमें धर्म ग्रंथों को सहेजकर नई पीढ़ी तक पहुंचाना चाहते हैं तो इसके लिए ग्रंथालयों का कम्प्यूटरीकरण करने की महती जरूरत है। मुख्य अतिथि उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति श्रीमती विमला जैन ने कहा कि पुस्तकें भले ही जड़ होती हैं किंतु वह हमारे भीतर की जड़ता को नष्ट कर देती हैं। इसलिए हम सभी की साझी जिम्मेदारी है कि जैन ग्रंथों के संरक्षण , उनके प्रचार – प्रसार में सभी अपना योगदान दें।नैनागिरि ट्रस्ट के अध्यक्ष आइएएस सुरेश जैन ने कहा कि नैनागिरि को एक वृहद तीर्थ स्थली के रूप में विकसित करने में यह संगोष्ठी मील का पत्थर साबित होगी। Shrut Mahotsav

जैन आगम ग्रंथों में जो ज्ञान का सागर है उसे समाज तक पहुंचाने में कम्प्यूटरीकरण एक अहम कदम होगा। वक्ता डाॅ. आशीष द्विवेदी ,विशिष्ट अतिथि प्रो.नीलम थापा , विशिष्ट अतिथि डाॅ. मुकेश साहू , वक्ता पंकज सोनी सहित डा. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के प्रोफेसर एवं छात्र छात्राओं ने अपने विचार व्यक्त किए।अध्यक्षीय उद्बोधन में डा. अजित कुमार जैन, संगोष्ठी के संयोजक तीर्थंकर ऋषभदेव जैन विद्वत महासंघ के मंत्री डाॅ. संजीव सराफ ने सफल संचालन एवं आभार सहसंयोजक डाॅ. दीपाली जैन ने माना।

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उत्कृष्ट सेवाओं पर किया सम्मानित

महोत्सव के दौरान आयोजित सम्मान समारोह में अनेक अतिथियों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं पर श्रुत सम्मान से अलंकृत कर सम्मानित किया गया , जिसमें अगम जैन आईपीएस पुलिस अधीक्षक छतरपुर (प्रतिनिधि के माध्यम से), डॉ. संजीव सराफ सागर , डॉ. एल. सी. जैन जबलपुर, प्रो. ऋषभ चंद्र फौजदार दमोह, डॉ. पारस जैन भोपाल, राजाराम सिंघई जबलपुर शामिल हैं। इसके साथ ही पारसनाथ देशना स्थली के त्रय वेदी तथा प्रतिमा पुण्यांर्जनकर्ता , वरदत्त विश्राम भवन के कमरा सौजन्यकर्ता , ताम्रम षटखण्डागम संस्थापनकर्ता , पहाड़ के मंदिर क्रमांक 5 एवं 6 के वेदी जीर्णोद्धार कर्ता (सुरेंद्र ,अनुराग, नमन, सक्षम जैन विवेक विहार दिल्ली एवं धनेश कुमार, साकेत कुमार जैन आनंद विहार दिल्ली) तथा आमंत्रित विद्वान, अतिथि ,श्रावक श्रेष्टियों का बहुमान सम्मान जैन तीर्थ नैनागिरि की संरक्षिका व महोत्सव की मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति श्रीमती विमला जैन, जैन तीर्थ नैनागिरि कमेटी के अध्यक्ष सुरेश जैन आईएएस सहित ट्रस्ट एवं प्रबंध समिति के पदाधिकारी व सदस्यों ने किया । Shrut Mahotsav

वर्णी ज्ञान प्रभावना रथ का हुआ शुभारंभ

पूज्य गणेश प्रसाद वर्णी जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को लेकर वर्णी ज्ञान प्रभावना रथ का शुभारंभ शायं काल पूज्य युगल मुनिश्री के मंगल सान्निध्य में किया गया। पुज्य मुनिश्री शिवानंद जी ने वर्णी जी के उपकारों और उत्कृष्ट व्यक्तित्व व कृतित्व को बताया । वर्णी जी की प्रमुख कार्यस्थली नैनागिरि से वर्णी जी की अष्टधातु की मूर्ति लेकर यह रथ जन्मस्थली हसेंरा के लिए प्रस्थान किया गया, हसेंरा में नवनिर्मित वर्णी स्मारक भवन में यह मूर्ति विराजमान की जावेगी । इस मूर्ति को न्यायमूर्ति श्रीमती विमला जैन व सुरेश जैन आईएएस परिवार द्वारा प्रदान की गई । यह ज्ञान रथ बुंदेलखंड के विभिन्न ग्राम अंचलों से गुजरते हुए हसेंरा पहुंचेगा ।

News By – (रत्नेश जैन रागी बकस्वाहा)

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