विश्व के सबसे बड़े मूर्ति घोटाले” के सरगना “राजा सूरत”
जमीन घोटाले में कलेक्टर सस्पेंड, राजा और उनके परिवार पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार!

मप्र, छत्तीसगढ और महाराष्ट्र का दिगम्बर जैन समाज इस समय विश्व के सबसे बड़े मूर्ति घोटाले से आहत है। समाज से गुजरात के एक व्यापारी ने एक ठग अर्ध लगड़े प्रतिष्ठाचार्य के साथ सांठगांठ करके जैन तीर्थों के लिए हजारों मूर्तियों के नाम पर करोड़ों रुपये ठग लिए हैं।
लेकिन ईश्वर ने गुजरात के इस ठग को सजा दी है। वह गुजरात के सबसे बड़े जमीन घोटाले में फंस गया है। इस ठग का असली नाम राजेन्द्र शाह है। यह मप्र में जैन मुनियों के बीच राजा भैया सूरत के नाम से जाना जाता है। इसने पहले तो कुछ करोड़ रुपये दान करके अपनी पहचान दानवीर के रुप में बनाई। यह भी सच्चाई है कि अनेक स्थानों पर दान की घोषणा करके अभी तक राशि नहीं दी है। चर्चा है कि लगभग 25 करोड़ की दान राशि इन पर बकाया है लेकिन इसने चालाकी से जैन संतों का विश्वास जीता और फिर मप्र, छत्तीसगढ और महाराष्ट्र में निर्माणाधीन अनेक सहस्त्रकूट जिनालयों में मूर्तियों को ताईवान से बनवाने का ठेका ले लिया। यह ठेका लगभग 100 से अधिक का बताया जा रहा है। यह गंभीर जांच का विषय है कि इतनी मोटी राशि ताईवान किस तरह भेजी गई।
ताईवान से आई मूर्तियां प्रतिष्ठा के बाद काली होने लगीं। उनका पाॅलिश गिरने लगा। लगभग सभी मूर्तियों पर काले काले धब्बे बन गये। यह देखकर नागपुर दिगम्बर जैन समाज ने नागपुर की एक प्रतिष्ठित मान्यता प्राप्त लैब में मूर्ति की जांच कराई तो चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई। इन मूर्तियों का निर्माण आगमानुसार नहीं पाया गया। मूर्तियां अंदर से अखंड नहीं थीं। इनमें लोहा और टिन भरा गया था। कुछ स्थानों से मूर्तियों के अंदर से प्लास्टिक निकलने की शिकायत भी मिली हैं।
चिन्ताजनक बात यह है कि लैब रिपोर्ट के बाद नागपुर जैन समाज ने यह मूर्तियां लेने से इंकार कर दिया है। राजा सूरत को एडवांस भेजी रकम वापस मांगी तो बताया जा रहे है कि राजा सूरत ने फोन उठाना बंद कर दिया है। land scam of Raja Surat
कुंडलपुर मंदिर लाइटिंग घोटाला!
राजा सूरत बेहद चालाक व्यापारी है। दानवीर बनकर उसने करोड़ों के बारे न्यारे कर लिए हैं। उसने कुंडलपुर के बड़े बाबा को भी नहीं छोड़ा है। विश्व के सबसे बड़े दिगम्बर जैन मंदिर कुंडलपुर जिला दमोह मप्र में 18 करोड़ की विदेशी लाइटें लगाने का ठेका भी राजा सूरत ने हथिया लिया। मुम्बई की जिस कंपनी ने लाइटें सप्लाई की, उसमें राजा सूरत का बेटा और मुम्बई के एक और कथित दानवीर की बहू ने पार्टनरशिप कर रखी है। land scam of Raja Surat
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निर्माल्य का पैसा पचा न सकोगे!
जैन शास्त्रों में लिखा है कि में दान का पैसा (निर्माल्य) खाने वाला कभी सुखी नहीं रह सकता। परिणाम सामने हैं। यही राजा भैया (सूरत) एक बड़े जमीन घोटाले में फंस गये हैं। सूरत के तत्कालीन कलेक्टर से सांठगांठ करके लगभग दो हजार करोड़ की सरकारी जमीन अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम दर्ज करा ली। गुजरात का यह सबसे बड़ा लैण्ड स्केन्डल बताया जा रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस घोटाले की शिकायत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यालय को की गई तो वहां से सख्त कार्रवाई के आदेश हुए। इस घोटाले में गुजरात के मुख्यमंत्री ने इसी महीने 9 जून को सूरत के तत्कालीन कलेक्टर आयुष ओक को सस्पेंड कर दिया है। (यह खबर आप गुगल सर्च कर पढ़ सकते हो) । अब खबर आ रही है कि राजा सूरत परिवार से यह 2000 करोड़ की जमीन छीनकर वापस सरकारी घोषित की जा रही है। राजा और उनके परिजनों पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी है। land scam of Raja Surat
प्रतिष्ठाचार्य को नई इनोवा भेंट!
इस पूरे घपले घोटाले में जैन समाज के एक अर्ध लगड़े प्रतिष्ठाचार्य की भूमिका अहम है। राजा और प्रतिष्ठाचार्य की क्या पार्टनरशिप है इसकी गहन खोज की जाना चाहिए। लेकिन यह खुली सच्चाई है कि गुजराती व्यापारी ने इस लगड़े प्रतिष्ठाचार्य को नई चमचमाती ईनोवा कार भेंट की है। आप प्रतिष्ठाचार्य को गुजरात रजिस्टर ईनोवा में घूमते देख सकते हो। फिलहाल यह ईनोवा कार आपको कुंडलपुर में रखी मिल जाएगी। कार का ड्राइवर और डीजल भी गुजराती उपलब्ध कराता है। आखिर क्यों…? दिगम्बर जैन समाज को यह भी विचार करना चाहिए कि क्या लगड़े प्रतिष्ठाचार्य से प्रतिष्ठा कराना उचित है?
News By – Sanjay baklliwal