पिछले साल भी करीब 9,000 पदोन्नतियां की गईं और उससे पहले डीओपीटी ने पिछले तीन साल में 4,000 पदोन्नतियां की
केन्द्रीय सेवा कर्मचारियों ने केन्द्रीय सचिवालय मंच (सीएसएस फोरम) के प्रतिनिधित्व में आज केन्द्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु उर्जा और अंतरिक्ष, डाॅ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और बड़ी संख्या में पदोन्नतियों का दौर शुरू किये जाने पर कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के मंत्री का तहेदिल से आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही पिछले कई दशकों से बड़ी संख्या में अटके पड़े पदोन्नतियों के मामलों का पूरी तरह से निवारण कर दिया गया।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि इस पहल ने विभिन्न वर्गो के कर्मचारियों में खुशी की लहर पैदा दौड़ गई है। उन्होंने इससे पहले स्वतंत्र भारत में सरकार की तरफ से अपने कर्मचारियों के लिये इस प्रकार की संवेदनशील पहल किये जाने के बारे में कभी नहीं सुना।
कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने कहा कि हाल में जो पहलें हुई हैं उनसे कर्मचारी कैडर को नैतिक प्रोत्साहन मिला है और उनका उत्साह बढ़ा है। उन्होंने कहा कि इन कदमों से केन्द्रीय सचिवालय की उत्पादकता पर उल्लेखनीय सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
डाॅ. जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह सुनिश्चित करने के लिये सभी प्रयास किये हैं कि जितना अधिक संभव हो सके सरकारी नौकरियां उपलब्ध हों। यह उन्हीं का प्रयास है कि 10 लाख सरकारी नौकरियां देने के लिये रोजगार मेला श्रृंखला शुरू की गई।’’
डाॅ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कर्मचारियों के लिये कार्यानुकूल और प्रेरणादायी परिवेश उपलब्ध कराने के लिये हर समय प्रयासरत रहते हैं।
डा. जितेंद्र सिंह ने कहा, इस तरह की परिस्थितियों में कई बार वह व्यक्तिगत तौर पर विचलित महसूस करते हैं जब वह ऐसे मामले देखते हैं कि प्रशासन के सबसे निचले पायदान पर काम करने वाले कर्मचारी 30 से 35 साल का अपना पूरा सेवा काल बिना पदोन्नति के बिता देते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर बात की है और कई नये उपाय किये गये है जिससे कि भविष्य में शासन के मध्यम और निचले पायदान पर यथास्थिति बने रहने से बचा जा सके।
मंत्री जी ने कहा, ‘‘कई बार यह देखना बड़ा ही दुखदायी और निराशाजनक होता है कि पदोन्नति नहीं होने की वजह से कर्मचारी एक ही ग्रेड में सेवानिवृत हो जाते हैं।’’
News Credit – PIB