मालव धरा को धन्य करने आ रहे हैं

मुनि श्री प्रमाण सागर जी एवं मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज

Muni Shri Praman Sagar Ji and Muni Shri Vinamrhl Sagar Ji Maharaj are coming to bless Malav land.
Muni Shri Praman Sagar Ji and Muni Shri Vinamrhl Sagar Ji Maharaj are coming to bless Malav land.

इंदौर। श्रावक के जीवन में संतों का सानिध्य मिलना अथवा उनके नगर में संतों का चातुर्मास होना बड़े ही भाग्य और पुण्य का सौभाग्य माना जाता है।

इंदौर की जैन जैनेत्तर समाज इस दृष्टि से बहुत शोभाग्यशाली है कि से उसे इस वर्ष श्रमण संस्कृति के महामहिम संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के दो अनुपम शिष्यों मुनि श्री प्रमाण सागरजी महाराज एवं मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज का चातुर्मास कराने, उनका सानिध्य पाने और उनकी चरण वंदना कर आशीर्वाद पाने का सौभाग्य प्राप्त होने जा रहा है।

इंदौर नगर में आचार्य श्री के इन दोनों शिष्यों का प्रथम बार आगमन एवं चातुर्मास हो रहा है जो दिगंबर जैन समाज और इंदौर नगर के लिए गौरव की बात है ।

मुनि श्री प्रमाण सागर जी तीर्थराज सम्मेद शिखर जी में बन रहे अद्भुत और अकल्पनीय एवं सुदर्शनीय
जैन तीर्थ गुणायतन के प्रणेता हैं और जिनवाणी चैनल पर प्रतिदिन प्रसारित होने वाले मुनि श्री के लोकप्रिय कार्यक्रम शंका समाधान के प्रवर्तक भी ।

मुनि श्री इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों की समस्याओं और जिज्ञासाओं का तार्किक तरीके से ऐसा प्रमाणिक समाधान करते हैं कि प्रश्नकर्ता पूर्णतः संतुष्ट हो जाता है एवं देश भर में टीवी देख सुन रहे लोगों को ऐसी अनुभूति होती है कि मुनिश्री का ज्ञान घट तीनों लोकों के ज्ञान से लबा-लब भरा है, jain samaj indore

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यही कारण है कि प्रत्येक शंका का समाधान और हर प्रश्न का प्रमाणिक उत्तर आपके श्रीमुख से मुखरित होता है जिसे सुनकर लोग संतुष्ट और अभिभूत हो जाते हैं,वहीं मुनि श्री विनम्र सागर जी भी यथा नाम तथा गुण हैं और दोनों संतों के व्यक्तित्व में उनके दीक्षा गुरु संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की छवि भी दिखाई देती है।

विनम्र, हंसमुख, आकर्षक और वात्सल्य से परिपूर्ण एवं प्रभावशाली चुंबकीय व्यक्तित्व के धनी मुनि श्री विनम्र सागर जी की विनम्र वाणी श्रवण के लिए भी हजारों लोग खिंचे चले आते हैं । jain samaj indore

दोनों संतों के प्रवचनों में जहां मानव मात्र के कल्याण का संकल्प प्रकट होता है वहीं शांतिप्रिय, अहिंसक, वात्सल्य और सद्भाव एवं संस्कारों से परिपूर्ण ढोंग का नहीं ढंग का जीवन जीने की प्रेरणा भी प्राप्त होती है। विश्वास है कि नगर में होने वाले दोनों संतों के चातुर्मास नगर के नागरिकों के जीवन की दिशा और दशा बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे

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