inflation: आम जनता का खाना पीना हुआ महंगा

Inflation: Food and drinks become expensive for common people
Inflation: Food and drinks become expensive for common people

नई दिल्ली   बढ़ती महंगाई के बीच आम जनता को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, जून महीने के लिए थोक महंगाई दर के आंकड़े जारी हो गए हैं। जून के महीने में खाने-पीने की चीजें महंगी होने की वजह से थोक महंगाई दर 16 महीने के हाई पर पहुंच गई है। थोक महंगाई दर पिछले महीने में 3 फीसदी के पार निकलकर 3.36 फीसदी पर आ गई है। इससे पहले मई महीने में ये 2.61 फीसदी पर रही थी। खाने-पीने के सामान की दर मुख्य रूप से बढ़ी है जिसका असर थोक महंगाई दर पर आया है। जून में खाद्य मंहगाई दर बढक़र 8.68 फीसदी पर आई है जो कि मई में 7.40 फीसदी पर थी। वहीं, मई में थोक महंगाई बढक़र 15 महीनों के ऊपरी स्तर 2.61 प्रतिशत पर थी। इससे पहले अप्रैल 2024 में महंगाई 1.26 प्रतिशत रही थी, जो 13 महीने का उच्चतम स्तर था। उधर, शुक्रवार को रिटेल महंगाई में भी तेजी देखने को मिली थी।

खाद्य महंगाई दर मई के मुकाबले 7.40 प्रतिशत से बढक़र 8.68 प्रतिशत हो गई। रोजाना की जरूरत वाले सामानों की महंगाई दर 7.20 प्रतिशत से बढक़र 8.80 प्रतिशत हो गई। फ्यूल और पावर की थोक महंगाई दर 1.35 प्रतिशत से घटकर 1.03 प्रतिशत रही। मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई दर 0.78 प्रतिशत से बढक़र 1.43 प्रतिशत रही।

महंगाई का आम आदमी पर असर

थोक महंगाई के लंबे समय तक बढ़े रहने से ज्यादातर प्रोडक्टिव सेक्टर पर इसका बुरा असर पड़ता है। अगर थोक मूल्य बहुत ज्यादा समय तक ऊंचे स्तर पर रहता है, तो प्रोड्यूसर इसका बोझ कंज्यूमर्स पर डाल देते हैं। सरकार केवल टैक्स के जरिए थोक महंगाई को कंट्रोल कर सकती है। जैसे कच्चे तेल में तेज बढ़ोतरी की स्थिति में सरकार ने ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी कटौती की थी। हालांकि, सरकार टैक्स कटौती एक सीमा में ही कम कर सकती है। Inflation

थोक महंगाई में ज्यादा वेटेज मेटल, केमिकल, प्लास्टिक, रबर जैसे फैक्ट्री से जुड़े सामानों का होता है। जून में रिटेल महंगाई बढक़र 5.08 प्रतिशत पर पहुंच गई है। यह महंगाई का 4 महीने का उच्चतम स्तर है। अप्रैल में महंगाई 4.85 प्रतिशत रही थी। वहीं एक महीने पहले मई में महंगाई 4.75 प्रतिशत रही थी। नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस ने 12 जुलाई को ये आंकड़े जारी किए। खाने-पीने का सामान महंगा होने से महंगाई बढ़ी है। खाद्य महंगाई दर 8.69 से बढक़र 9.36 प्रतिशत हो गई है। वहीं शहरी महंगाई भी महीने-दर-महीने आधार पर 4.21 प्रतिशत से बढक़र 4.39 प्रतिशत पर आ गई है। ग्रामीण महंगाई दर भी 5.34 प्रतिशत से बढक़र 5.66 प्रतिशत पर पहुंच गई है। Inflation

लगातार बढ़ रही महंगाई

Food and drink are becoming expensive in India भारत में खाना-पीना महंगा हो रहा है। नवंबर 2023 के बाद से खाद्य महंगाई दर 8 फीसदी के ऊपर बनी हुई है। एक साल में ही ये लगभग तीन गुना बढ़ गई है। मई 2023 में 2.91 प्रतिशत थी, जो मई 2024 में बढक़र 8.69 प्रतिशत हो गई। पिछले साल कई इलाकों में सूखा पड़ा था और इस साल ज्यादातर राज्यों में गर्मी ने कहर बरपाया, जिस कारण दालें, सब्जियां और अनाज जैसी खाद्य पदार्थों की सप्लाई में काफी कमी आई। हालांकि, आमतौर पर गर्मियों में सब्जियों की सप्लाई कम हो जाती है, लेकिन इस बार कुछ ज्यादा ही कमी आई। उसकी वजह ये रही कि देश के ज्यादातर हिस्से में तापमान सामान्य से 4 से 9 डिग्री सेल्सियस तक ज्यादा रहा।

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चिलचिलाती गर्मी के कारण सब्जियां भी खराब हुईं और प्याज, टमाटर, बैंगन और पालक जैसी फसलों की बुआई में रुकावट आ रही है। आमतौर पर किसान मॉनसूनी बारिश से पहले सब्जियों की बुआई शुरू कर देते हैं, लेकिन इस साल गर्मी के कारण इस पर असर पड़ा है। इस कारण सब्जियों की कमी और बढ़ गई है। एक साल में सब्जियां और दालें ही सबसे ज्यादा महंगी हुई हैं। इस साल मई में सब्जियों की महंगाई दर 27.33 प्रतिशत और दालों की 17.14 प्रतिशत रही। एक साल पहले तक जितनी सब्जियां 161 रुपये में खरीद सकते थे, अब उतनी ही खरीदने के लिए 205 रुपये रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। Inflation

 महंगाई बढऩे का कारण

जून में महंगाई दर बढऩे के पीछे खाद्य महंगाई दर और प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर बढऩे की वजह मुख्य है। मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई दर जो एक फीसदी से कम थी इस बार करीब डेढ़ फीसदी के पास जा पहुंची है।खाने-पीने के सामान की दर मुख्य रूप से बढ़ी है जिसका असर थोक महंगाई दर पर आया है। जून में खाद्य मंहगाई दर बढक़र 8.68 फीसदी पर आई है जो कि मई में 7.40 फीसदी पर थी।

प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर- प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर जून में 8.80 फीसदी की दर से बढ़ी है जबकि इससे पिछले महीने ये 7.20 फीसदी पर रही थी। Inflation

फ्यूल एंड पावर सेगमेंट की मंहंगाई घटी- फ्यूल एंड पावर सेगमेंट की थोक महंगाई दर में हालांकि हल्की गिरावट आई है और ये जून में 1.35 फीसदी पर रही। मई 2024 में ये आंकड़ा 1.03 फीसदी डबल्यूपीआई का था।

मैन्यूफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई दर में भी इजाफा- मैन्यूफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की महंगाई भी बढ़ी है और ये जून में 1.43 फीसदी पर रही। मई 2024 में ये आंकड़ा 0.78 फीसदी पर रहा था।

अंडा, मांस-मछली की महंगाई में दिखी गिरावट- जून के महीने में अंडा, मांस-मछली जैसे खाने-पीने के सामान में गिरावट आई है और ये गिरकर शून्य से नीचे चली गई है। जून में अंडा, मांस-मछली की महंगाई दर -2.19 फीसदी रही। मई में ये 1.58 फीसदी पर रही थी।

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