जन-जन के चातुर्मास से जुड़ेंगे 5001 परिवार
अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर महाराज के चातुर्मास में मिल रहा है हर श्रावक को कलश स्थापना का अवसर

इंदौर। जीवन में एक बार हर श्रावक को संतों के चातुर्मास कलश की स्थापना करनी चाहिए। इसलिए वह इस चातुर्मास को जन-जन का महोत्सव बनाने जा रहे हैं।यह कहना है अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर महाराज का, जिनका 2024 का चातुर्मास इंदौर में हो रहा है।
उनकी चातुर्मास कलश स्थापना 21जुलाई को सुबह 8 बजे दिगम्बर जैन नवग्रह अतिशय ग्रेटर बाबा परिसर में होगी। पूज्य वर्षायोग धर्म प्रभावना समिति के अध्यक्ष नरेन्द्र वेद में बताया कि इस चतुर्मास को जन-जन का महोत्सव बनाने के लिए और विश्व में पहली बार जैन संत के चातुर्मास में 5001 कलश विराजमान करने का लक्ष्य बनाया गया है।
Also Read – विशाल शोभा यात्रा के साथ मुनि प्रमाण सागर जी का भव्य मंगल प्रवेश हुआ
इतनी बड़ी संख्या में कलश विराजमान करने के पीछे उद्देश्य है कि समाज के हर घर को इस बात का एहसास हो कि हमने भी चातुर्मास कलश स्थापन किया है। गौरतलब है कि अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज चातुर्मास के 104 दिन इंदौर शहर के छः मंदिरों में धर्म प्रभावना करेंगे। धर्म प्रभावना की दृष्टि से प्रत्येक मंदिर में प्रवास 15 दिन का रहेगा, जहां 15 दिन तक धार्मिक, सामाजिक, शैक्षिक, चिकित्सा के अलग-अलग कार्यक्रम होंगे।
सौभाग्यशाली परिवार को मिलेगा विशेष कलश
यह भी पहली बार होगा कि 5001 कलशों को 104 दिन तक भक्तामर ऋद्धि मंत्र और मंत्रों से अभिमंत्रित किया जाएगा। इन सभी कलाशों पर णमोकर मंत्र और चंद्र यंत्र बना हुआ है और उसमे 9 मांगलिक द्रव्य डाले गए हैं। ये कलश वास्तु दोष और घर, व्यापार आदि में शांति, समृद्धि और सुख का साधन भी बनें, इसी भावना से इन पर यंत्र आदि बनाए गए हैं।

मुनि श्री के ज्योतिष-वास्तु के विशेष जानकार होने के चलते इन कलशों में विशेष आराधना भी होगी। समाज के विशिष्टजन 11 कलश स्थापित करेंगे। इसके अलावा एक विशेष कलश पर भक्तामर के 48 यंत्र होंगे। यह अनेक मंत्रों से अभिमंत्रित होगा। चातुर्मास समाप्ति पर यह कलश लॉटरी के जरिए सौभाग्यशाली परिवार को दिया जाएगा। Muni Shri Pujya Sagar Maharaj
नहीं लगाई जाएगी बोली
रेखा संजय जैन ने बताया कि चातुर्मास के दौरान एक भी बोली नहीं लगाई जाएगी बल्कि सभी के सहयोग के साथ धर्म प्रभावना के साथ चातुर्मास संपन्न होगा, जिससे हर वर्ग का व्यक्ति अपनी भावना रख कर इस धार्मिक आयोजन से जुड़ सकेगा।