इंदौर के इतिहास में पहला चातुर्मास

जहाँ मानव चिकित्सा, शिक्षा हेतु कलश स्थापना की राशि का 10 प्रतिशत समर्पित–किया जाएगा अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागरजी

The first Chaturmas in the history of Indore, where human therapy, education festival is celebrated and 10 percent of the amount of Kalash Sthapana is celebrated – will be done by introvert Muni Shri Pujya Sagarji.
The first Chaturmas in the history of Indore, where human therapy, education festival is celebrated and 10 percent of the amount of Kalash Sthapana is celebrated – will be done by introvert Muni Shri Pujya Sagarji.

इंदौर! प्रकृति के सौंदर्य रूप में रिमझिम फुहार व कही मूसलाधार बारिश के साथ प्राचीन ऐतिहासिक श्रमण परंपरा के आचार्य भगवन के अनुसार 4 माह 104 दिनो के पवित्र पावन दिन चातुर्मास वर्षा योग का समय श्रवण परंपरा श्रावकों के साथ आत्म कल्याण की शुद्धि के लिए तप, ध्यान, त्याग, साधना, आराधना करते हैं

उसी परंपरा को‌ संस्कार-संस्कृति के साथ आगे बढ़ाते हुए अंतर्मुखी मुनिश्री 108 पूज्य सागर जी गुरुवर ने‌ इंदौर स्थित नवग्रह जिनालय ग्रेटरबाबा में श्रावक-श्राविकाओं के मध्य सकारात्मक भावो को लेकर आज चातुर्मास कलश स्थापना धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि आयोजन में गुरु देव ने सर्वप्रथम घोषणा करते हुए कहा की वर्षायोग के बाहुबली कलशो से जो भी धन राशी आयेंगी उसका 10 प्रतिशत हिस्सा स्वास्थ, चिकित्सा व शिक्षा को समर्पित होगा।

जिसकी राशी कार्यक्रम के मध्य श्रवणबेलगोला तीर्थ क्षेत्र पर अस्पताल के लिए चेक के माध्यम से समर्पित भी कर दी गई.समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि पूज्य वर्षायोग 2024 में सर्वप्रथम ध्वजारोहण आर के जैन-रानेका इंडस्ट्री, जितेन्द्र जैन के द्वारा गुरुदेव का 17वा चातुर्मास मंगल कलश स्थापना की शुरुआत हुई. इस अवसर पर गुरुदेव ने सभी को सम्बोधित करते हुए कहा की जीवन में पैसो से भोग-विलास की वस्तुए खरीदी जा सकती है परन्तु पुण्य देव शास्त्र गुरु की आराधना से ही मिलता है।

जिस प्रकार हमारे घर में प्रत्येक सदस्यों के लिए अलग-अलग वाहन व कमरे होते है उसी प्रकार प्रत्येक परिजनों के लिए अपना-अपना पुण्य का संचय स्वयं ही करना पड़ता है। मंदिर में अपनी कमाई का 25 प्रतिशत अवश्य दान करना चाहिए. भगवान को ना देकर उनका खाना हमे नर्क व तिर्यंच गति की ओर ले जाता है। chaturmas news indore

आप महावीरजी, तिजारा जी, पदमपुरा जी के भगवान की निंदा नहीं करते, आप जिनवाणी की नींदा नहीं करते परन्तु साधु की निंदा करने में ज़रा भी कसर नहीं छोड़ते। chaturmas news indore

आपकी आस्था, श्रद्धा पिच्छी कमण्डल में होना चाहिए ना की संत-पंथ में। जो मुनि-निंदा करते है उनके घर में हमेशा रोग शोक कभी पिछा नहीं छोड़ते। इसके पूर्व आयोजन में मंगलाचरण इशिता, भूमिका कासलीवाल के साथ साधना मदावत रंगशाला इंदौर ने किया व दीप प्रज्वलन हंसमुख गाँधी, भरत जीतेन्द्र जैन, नरेन्द्र वेद सहित सभी अतिथियों ने किया।

Also Read – विशाल शोभा यात्रा जन समुदाय के साथ मुनि विनम्र सागर जी संसघ का भव्य मंगल प्रवेश हुआ 

शास्त्र भेट का लाभ गुरुवर के गृहस्थ जीवन के माता-पिता सहित पूरे परिवार ने लिया। आयोजन में इंदौर के लगभग 14 मंदिरों के ट्रस्टियों व पदाधिकारी सहित वहा के श्रावको ने श्रीफल भेट कर मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया।

महामंत्री रेखा संजय जैन, गौरव अध्यक्ष नरेन्द्र वेद व मुख्या संयोजक भरत जैन ने बताया की इंदौर के इतिहास में पहली बार ऐसा चातुर्मास हुआ है जहा पर 51 हज़ार परिवारों के लिए स्वयं के हाथो कलश स्थापना करने का अवसर मिला, साथ ही सभी श्रावको के लिए लकी ड्रा के अनुसार श्रवणबेलगोला की यात्रा के नाम निकाले गए. इस योजना के संयोजक किशनगढ़ निवासी विजय वीणा जी छाबड़ा द्वारा 10 श्रावको को यात्रा का लाभ दिया जाएगा।

इसी कड़ी में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राकेश विनायका डॉ धीरेन्द्र जैन, जीतेन्द्र जैन, मुकेश टोंग्या, विमल अजमेरा, अनिल जैन को नकुल पाटोदी, टी के वेद, किर्ति पांड्या, कमलेश कासलीवाल सचिन जैन–उद्योगपति, मनीष नायक हेमंत जैन माहवीर टाइम्स डी के जैन, कमलेश टीना जैन, संजय पापड़ीवाल, आनंद कासलीवाल, गजेन्द्र जैन, पवन पाटोदी, इंद्रकुमार सेठी सहित समाज के गणमान्य समाज श्रेष्ठी उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में भरत जैन द्वारा आभार माना गया, संचालन रेखा जैन ने किया। प्रधान सम्पदाक हेमन्त जैन, संजय तिलक, संजय बाकलीवाल, आनंद कासलीवाल, मनीष अजमेरा

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button