व्यक्ति की जैसी सोच होती हैं उस हिसाब से उसकी प्रवृत्ति हो जाती है- मुनिश्री प्रमाण सागर
रेसकोर्स रोड़ स्थित अभय प्रशाल में श्रावक-श्राविकाओं ने लिया प्रवचनों का लाभ, शाम को प्रतिदिन शंका समाधान शिविर में बड़ी संख्या में पहुंच रहे जैन धर्मावलंबी
इन्दौर किसी से किसी के साथ तुलना न करो, किसी की किसी के साथ प्रतिस्पर्धा न हो, जो शक्ती आप लोग आपस में लडऩे-झगडऩे में लगाते है, उसी शक्ति को सृजन शीलता में लगाकर आप अपने अंदर अपार संभावनाओं को जन्म दे सकते है।
उक्त विचार आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के शिष्य 108 मुनिश्री प्रमाण सागर महाराज ने रविवार को रेसकोर्स रोड़ स्थित अभय प्रशाल में सभी श्रावक-श्राविकाओं को प्रवचनों की अमृत वर्षा करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने आगे प्रवचनों में कहा कि व्यक्ति की जैसी सोच होती है, उस अनुसार उसकी प्रवृत्ति हो जाती है। प्रत्येक मनुष्य मेंं क्रियेटिव, कंस्टिरेटिव, डिष्टिरेटिव, काम्पटेटिव चार प्रकार की सोच हुआ करती है। सोशल मीडिया और समाचारों को पडऩे सुनने पर कहा कि इससे आपके माइंड में नैगेटिविटी आती है अत: एक बार न्यूज फास्टिंग करो देखना आपका जिस काम में घंटो समय बर्बाद करते थे। अच्छे कार्यों के लिये समय निकालने लग जाएंगे। उन्होंने सभी उपस्थित जैन धर्मावलंबियों को एक दिन के लिए न्यूज फास्टिंग का उपदेश दिया।
Also Read – संस्कृति की रक्षा करना भी धर्म है मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज
धर्म प्रभावना समिति एवं प्रचार प्रमुख राहुल जैन (स्पोटर््स वल्र्ड), नवीन-आनंद गोधा एवं हर्ष जैन ने बताया कि रेसकोर्स रोड़ स्थित अभय प्रशाल में जहां सुबह के सत्र में प्रवचनों की अमृत वर्षा हो रही हैं तो वहीं शाम को मोहता भवन में मुनिश्री शंका समाधान शिविर में सभी की जिज्ञासाएं शांत कर रहे हैं। बुधवार को सभी क्रियाओं का लाभ मुकेश-विजय-संजय पाटौदी परिवार को मिला। प्रवचन के दौरान समिति अध्यक्ष अशोक-रानी दोषी, कार्याध्यक्ष धर्मेंद्र जैन (सिनकेम), मनोज बाकलीवाल, सुनील बिलाला, योगेंद्र सेठी, रमेश जैन, भरत-कुसुम मोदी, अनामिका बाकलीवाल, पवन सिंघई, जिनेश झांझरी, विशाल जैन (नसिया) एवं अनिल बांझल (उदय नगर) सहित बड़ी संख्या में समाज बंधु मौजूद थे।
अविनाश जैन ने बताया कि प्रतिदिन प्रात 6 से 7 तक जैनत्व संस्कार शिविर का आयोजन पाठशाला प्रणेता मुनिश्री निर्वेग सागर के सानिध्य मे चल रही है। जिसमें सभी जैन धर्मावलंबी भाग ले रहे हैं। इसके पश्चात मुनिसंघ के सानिध्य में जिनाभिषेक एवं शांतिधारा का क्रम जारी है। 8.25 से मुनिश्री की देशना एवं दोपहर 3 से 4 बजे तक सभी के लिए गौम्मटसार जीवकांड तथा समयसार का स्वाध्याय चल रहा है तथा सांयकाल 6 से 7 बजे तक विश्वप्रसिद्ध शंकासमाधान कार्यक्रम संपन्न हो रहा है। शंका समाधान का लाईव प्रसारण आम लोग जिनवाणी एवं पारस चैनल तथा प्रमाणिक ऐप के माध्यम से देख सकते हैं।
- source – rahul jain