जिनवाणी पढ़ने से कहीं न कहीं हमारी आत्मा पर चोट लगती है। हमें इसे मात्र पढ़ना और सुनना ही नहीं है, जीवन में भी उतारना है- – मुनि श्री विजयेश सागर जी महाराज

अनिमेय पावन वर्षा योग - 2023

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इंदौर। मुनि श्री विजयेश सागर जी महाराज ने आज मोदी जी की नसिया में अपने प्रवचन में कहा कि हम प्रतिदिन यहां जिनवाणी का रसपान कर रहे हैं। जिनवाणी पढ़ने से कहीं ना कहीं हमारी आत्मा पर चोट लगती है। हमें इस मात्र पढ़ना और सुनना ही नहीं है ,जीवन में भी उतारना है। मंदिर में जाकर भगवान की संगति करते हैं , उनके चरण छूते हैं ।जहां चरण छूना प्रारंभ हो जाता है वहां से आचरण शुरू हो जाता है।
मुनि श्री ने कहा कि जो पाप का साथ देता है, उसके परिणाम भी वैसे ही हो जाते हैं। जितने भी पद हैं,सब लड़ाई के हैं, पद मिलते ही मनुष्य को घमंड आ जाता है , मुझे बाहरी पद नहीं चाहिए।
आपने कहा कि संतों की वाणी सुनोगे तो अरिहंत अवश्य बन जाओगे।
मुनि श्री विश्व हर्ष सागर जी महाराज ने कहा कि जब से यह सृष्टि है तब से हम लोग जन्म- मरण करते आ रहे हैं । किंतु हमारे दुखों का अंत नहीं हो रहा। हम इसमें भी सुख ढूंढ़ रहे हैं। हम क्या करें कि हमारे दुखों का और जन्म मरण का अंत हो जाए ।


आत्मा का ना कभी जन्म होता है ना हीं उसका मरण होता है। समाज के प्रचार प्रमुख श्री सतीश जैन ने बताया कि अचार्य विहर्ष सागर जी महाराज णमोकार मंत्र व्रत साधना में अंतिम पड़ाव पर प्रतिदिन हमें दृष्टिगोचर नहीं हो रहे हैं। आप अखंड मौन साधना कर रहे हैं। आपका महापारणा 8 नवंबर 2023 को होगा। पिछले 70 दिनों में आपने 35 उपवास किये हैं। बहुत अनुनय – विनय करने के बाद आज आपने 1 मिनट के लिए ऊपर खिड़की से भक्त जनों को आशीर्वाद दिया।

दिगंबर जैन समाज सतवास से मुनि श्री दुर्लभ सागर जी के लौकिक जीवन के माता-पिता श्री मदन जी गुणमाला जी बढ़जात्या संतों का आशीर्वाद लेने इंदौर पधारे। चातुर्मास कमेटी के सदस्यों ने आचार्य विराग सागर जी महाराज के चित्र का अनावरण किया एवं महिला मंडल ने दीप प्रज्जवलन किया।
इस अवसर पर समाज श्रेष्ठी श्री कमल काला, सतीश जैन , सुनील दिवाकर,मनोज सिंघई,आकाश पांड्या सहित सैकड़ों समाज जन मौजूद थे।

News By – Satish Jain

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