अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त तय हो गया

पुजारी को ट्रेनिंग, अन्य मंदिरों में तैनात होंगे पुजारी

The auspicious time for Ramlala's life consecration has been decided in Ayodhya
The auspicious time for Ramlala’s life consecration has been decided in Ayodhya

अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त तय हो गया। 22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त मृगशिरा नक्षत्र में दोपहर 12:20 बजे रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। 48 मिनट का यह मुहूर्त दोपहर 11.36 बजे से 12.24 बजे तक है, जबकि मृगशिरा नक्षत्र पूरे दिन बना रहेगा। मंदिर ट्रस्ट से जुड़ी बैठक में यह तय किया गया। हालांकि, आधिकारिक तौर पर अभी इसकी जानकारी नहीं दी गई है।
अयोध्या की हनुमत ज्योतिष संस्थान के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने बताया कि मृगशिरा नक्षत्र 22 जनवरी को सुबह 5.15 बजे से 23 जनवरी की सुबह 5.36 बजे तक रहेगा। 22 जनवरी को पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी है और दिन सोमवार। प्राण-प्रतिष्ठा का यह योग सनातन धर्म, अयोध्या और पीएम मोदी, तीनों के लिए बेहद शुभ है।

16 से 24 जनवरी तक चलेंगे कार्यक्रम

प्राण-प्रतिष्ठा समारोह 16 जनवरी से शुरू होकर 24 जनवरी तक चलेगा। प्राण-प्रतिष्ठा से पहले सरयू पूजन करके उसके जल से रामलला का अभिषेक होगा। फिर उन्हें रथ से नगर भ्रमण कराया जाएगा। इससे पहले रामलला की मूर्ति को जल, फल और अन्न के बीच में एक-एक दिन रखा जाएगा। 9 दिवसीय समारोह के लिए श्रीराम यंत्र की स्थापना की जाएगी। कार्यक्रम के समापन के बाद इसे सरयू नदी में विसर्जित कर दिया जाएगा। समारोह में हवन के लिए 9 कुंड बनाए जाएंगे। पूरा कार्यक्रम काशी के विद्वानों की देख-रेख में होगा।

100 विशेष और 7 हजार रामभक्तों को आमंत्रण

राम मंदिर के ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि समारोह में विश्व के अनेक देशों के करीब 100 विशेष राम भक्तों को आमंत्रित किया जा रहा है। इसके अलावा, संतों और देशभर के राम भक्तों सहित 7 हजार लोगों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्य पर्व 22 जनवरी को पीएम मोदी को शामिल होने के लिए आमंत्रण पत्र भेजा जा चुका है।

देशभर के 4 लाख मंदिरों में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह

प्राण-प्रतिष्ठा समारोह देशभर के 4 लाख गांवों के मंदिरों में भी मनाया जाएगा। इन मंदिरों में रामनाम संकीर्तन और किसी एक मंत्र का जप के साथ मुख्य पर्व पर आरती और प्रसाद वितरण होगा। इसके साथ ही समारोह का लाइव टेलीकास्ट होगा। इससे करोड़ों भक्त इस ऐतिहासिक पल को सीधे देख सकें।

रामलला के पुजारी वही होंगे, जिनका जन्म अयोध्या में हुआ है। पुजारी को जरूरत पडऩे पर प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। अभी तक पहले से चली आ रही परंपरा के अनुसार, रामलला की पूजा होती थी। अब भव्य राम मंदिर के निर्माण और राम मंदिर ट्रस्ट के गठन के बाद यह सब नए सिरे से तय किया जा रहा है। अभी तक रामलला के पूजन के लिए एक मुख्य पुजारी और 4 सहायक पुजारी होते हैं। अब इनकी संख्या में भी बदलाव किया जा सकता है। इसके साथ ही रामजन्मभूमि परिसर में बनने वाले अन्य मंदिरों के लिए भी पुजारियों की नियुक्ति की जानी है। इसके लिए 100 से ज्यादा वैदिक छात्रों का प्रशिक्षण के लिए चयन किया गया है।

Source – EMS

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button