मतदान प्रतिशत से लग रहा-बागियों ने इस बार भी बिगाड़ा है खेल


इंदौर। मतदान का प्रतिशत कहीं कम कहीं ज्यादा रहने से ये आशंका बलवती हो गई है कि पिछली बार की तरह इस बार भी बागियों ने खेल बिगाड़ा है। पिछले चुनाव में कुल 66 में से 23 सीटों पर बागी लड़े थे और ऐसा खेल बिगाड़ा कि दोनों दलों के मजबूत प्रत्याशियों के भी पसीने छूट गए थे। इनमें से 3 बागी तो जीते भी और शेष में से 12 सीटें भाजपा को तो 8 सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी बमुश्किल जीत पाए थे।
बागियों ने हमेशा पाॢटयों के अधिकृत प्रत्याशियों का खेल बिगाड़ा है। खेलेंगे नहीं तो खेल बिगाड़ेंगे की तर्ज पर इन बागियों ने हजारों वोट काटे। पिछले चुनाव में मालवा-निमाड़ में खेल बिगाडऩे वाले बागियों में प्रमुख थे-शाजापुर में कांग्रेस के बागी जेपी मंडलोई ने 37,858 वोट प्राप्त किए जिससे हुकमसिंह कराड़ा बमुश्किल जीत सके। खातेगांव से भाजपा के बागी मोहन पटेल उईके ने 18,915 वोट लाकर आशीष शर्मा को बहुत कम वोटों से जीतने दिया। बागली से टी सिंह देवड़ा मैदान में उतरकर 8172 वोट ले गए जिससे भाजपा के पहाड़सिंह कन्नौजे को जीतने में पसीना आ गया। खंडवा में कौशल मेहता ने बतौर भाजपा के बागी हुंकार भरी और 26,314 वोट ले गए जिसके कारण देवेंद्र वर्मा नाममात्र के वोटों से चुनाव जीत सके। पंधाना में कांग्रेस की रूपाली नंदू ने 25, 279 वोट लाकर भाजपा की जीत की राह आसान कर दी। इस बार कांग्रेस की प्रत्याशी हैं। महेश्वर में अभी भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी राजकुमार मेव ने पिछली बार निर्दलीय चुनाव लड़ा और 46, 980 वोट प्राप्त किए जिसके कारण कांग्रेस की डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ चुनाव जीत गईं। बड़वानी में कांग्रेस के राजन मंडलोई ने 48654 वोट लिए जिससे भाजपा के प्रेमसिंह पटेल की जीत आसान हो गई। जोबट में निर्दलीय विशाल रावत ने 30, 941 वोट प्राप्त किए जिससे कांग्रेस की कलावती भूरिया जीत गई। पेटलावद में कांग्रेस के सचिन गामड़ ने 6471 वोट हासिल कर लिए हालांकि वालसिंह मेड़ा जीत गए। वे फिर प्रत्याशी हैं। बदनावर से भाजपा के राजेश अग्रवाल ने 30, 780 वोट काट दिए जिससे कांग्रेस के राजवर्धनसिंह दत्तीगांव को जीत नसीब हो गई। महिदपुर में दिनेश जैन बोस ने 54, 825 वोट लिए जिसके कारण भाजपा के बहादुरसिंह चौहान जीत गए।

उज्जैन उत्तर में माया त्रिवेदी ने 12917 वोट काट दिए जिसके बावजूद भाजपा के पारस जैन जीते। इस बार जैन को पार्टी ने टिकट नहीं दिया है। उज्जैन दक्षिण में जयसिंह दरबार ने 19238 वोट कबाड़ लिए जिससे भाजपा के डॉ. मोहन यादव जीत। सैलाना में कमलेश्वर डोंडियार ने 18, 638 वोट लिए जिससे भाजपा के हर्ष गेहलोत की जीत आसान हो गई। जावरा में श्यामबिहारी पटेल ने 23469 वोट लेकर भाजपा के राजेंद्रसिंह की हार से बचा लिया।

सुवासरा में ओमसिंह ने करीब 10 हजार वोट लेकर कांग्रेस के हरदीपसिंह डंग की जीत दिला दी। डंग अब भाजपा प्रत्याशी हैं। गरोठ में तूफानसिंह सिसौदिया ने 18.65 वोट ले लिए जिसेस भाजपा के देवीलाल धाकड़ की जीत मिल गई। जावद में निर्दलीय समंदर पटेल ने 33, 548 वोट हासिल किए जिसके बाद भाजपा के ओमप्रकाश सखलेचा की जीत आसान हो गई। सुसनेर से विक्रमसिंह राणा, बुरहानपुर से सुरेंद्रसिंह शेरा और भगवानपुरा से केदार डावर निर्दलीय चुनाव जीते।

इस बार भी 80 प्रत्याशी थे मैदान में
इस बार मालवा-निमाड़ की 66 सीटों पर करीब 80 बागी मैदान में थे। इनमें से कम से कम 40 मजबूत स्थिति में थे जिनकी उम्मीद ये है कि उन्होंने बड़ी संख्या में वोट काटे हैं। इसलिए इन पर पाॢटयों के अधिकृत प्रत्याशियों की विरोधी से ज्यादा नजर रखी लेकिन मतदान के आंकड़ों के सामने आने के बाद कयास यही लग रहे हैं कि बागियों का खेल बिगाड़ा है।

News By – Rajendra Khandelwal

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