गुरुओं की निंदा कभी मत करना, निंदा – आलोचना करने वाला कभी भगवान नहीं बना-आचार्य विहर्ष सागर जी महाराज
इंदौर! बड़ा गणपति स्थित मोदी जी की नसिया में आचार्य विहर्ष सागर जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि 12 चक्रवर्ती होते हैं। 63 शलाका पुरुषों में एक चक्रवर्ती का पद भी होता है । 12 चक्रवर्तियों में पहले चक्रवर्ती बनने का सौभाग्य भरत चक्रवर्ती को मिला। भरत चक्रवर्ती जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव के पुत्र थे। उन्हीं के नाम से इस देश का नाम भारत पड़ा। हाल ही में देश के प्रधानमंत्री जी ने इंडिया की जगह इस देश का नाम भारत कर दिया है। यह हम सभी के लिए गौरव की बात है। मनुष्यों का राजा चक्रवर्ती (नरपति भी कहते हैं) होता है और पशुओं का राजा शेर कहा होता है।
आचार्य श्री ने बताया कि आजकल के रईसों की संपदा चक्रवर्ती की संपदा की सुई की नोक के बराबर भी नहीं है। चक्रवर्ती सबसे पहले साधुओं को आहार कराते थे, फिर स्वयं भोजन करते थे, उनके पुण्य का यही सबसे बड़ा स्रोत था। सबसे ज्यादा पुण्य उपवास करने से बढ़ता है फिर नंबर आता है अलग-अलग दिन 8 रसों में से एक-एक रस का त्याग करके एकासना करने का। आपने कहा कि आज घर के सभी सदस्य कमा रहे हैं फिर भी पैसे की पूर्ति नहीं हो पा रही है ।पैसा चाहिए तो पैसे के पीछे भागो मत। पुण्य करो, फिर पैसा तुम्हें ढूंढता हुआ आएगा। क्यों पैसे के पीछे पागल हो रहे हो।
आचार्य श्री ने कहा कि पैसा मेहनत से आता तो हर मजदूर करोड़पति होता, पैसा ज्ञान से आता तो हर पंडित करोड़पति होता। पैसा पुण्य से मिलता है, पुण्य चुंबक है,पुण्यशाली व्यक्ति को कहीं भागना नहीं पड़ता, किसी भी बहाने से पैसा आ जाता है। ट्रिक अपनाओ, पैसा कमाओ। आपका हर कार्य बड़ों की तरह होना चाहिए। राजा बनो, प्रजा नहीं। दुनिया में सब चीज बाजार में मिल जाएगी, लेकिन पुण्य कहीं नहीं मिलता। पुण्य मिलता है देव, शास्त्र, गुरुओं के पास बैठने से। इसलिए गुरुओं के चरण पकड़ कर बैठ जाना। कभी गुरुओं की निंदा मत करना, निंदा – आलोचना करने वाला कभी भगवान नहीं बना।
समाज के प्रचार प्रमुख सतीश जैन ने बताया कि प्रारंभ में मंगलाचरण णमोकार तीर्थ, नासिक से पधारे ब्रह्मचारी अक्षय भैया ने किया। आचार्य विराग सागर जी महाराज जी के चित्र का अनावरण चातुर्मास कमेटी के द्वारा किया गया एवं दीप प्रज्जवलन महिला मंडल ने किया । अचार्य संघ का विहार आज गोम्मट गिरी की ओर हो गया, कल प्रवचन भी वही होंगे।
इस अवसर पर श्री ऋषभ पाटनी, कमल अग्रवाल, दिलीप लुहाड़िया ,मनोज सिंघई, अनिल जैन, महावीर झांझरी आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।
- News – Satish Jain