आचार्य विहर्ष सागर जी महाराज ससंघ की मोदी जी की नसिया में भव्य मंगल अगवानी की
जैन धर्म भाव प्रधान धर्म है, भावना भवनासनी होती है-आ.विहर्ष सागर जी महाराज
इंदौर। मोदी जी की नसिया , इंदौर में आचार्य श्री विहर्ष सागर जी महाराज ससंघ की बुधवार, 13 नवंबर को सुबह 10:00 बजे भव्य मंगल अगवानी की। नसिया महिला मंडल द्वारा प्रवेश द्वार पर बहुत ही बढ़िया रंगोली मांडी गई थी। महिलाओं ने सिर पर कलश रखकर भजन गाते हुए संघ की बहुत ही बढ़िया अगवानी की। आचार्य संघ प्रातः 8:00 बजे बैंड बाजे , व जैन धर्म के झंडे के साथ शांतिनाथ जिनालय जावरा वालों के मंदिर से पलासिया, राजवाड़ा, गोराकुंड , मल्हारगंज होते हुए मोदी जी की नसिया पहुंचा। पूरे रास्ते में श्रद्धालुओं ने संघ का पाद प्रक्षालन किया व आरती उतारी। भक्त गण कहते हुए चल रहे थे
जब तक सूरज चांद रहेगा
मुनियों का सम्मान रहेगा
मां का बेटा कैसा हो, आचार्य विहर्ष सागर जी जैसा हो
आचार्य विहर्ष सागर जी महाराज ने नसिया पहुंचकर अपने प्रवचन में कहा कि पृथ्वी पर आचार्य, उपाध्याय और साधु तीन परमेष्ठी ही है, जिनके सानिध्य में हम और हमारा परिवार आगे बढ़ रहा है। अरिहंतो और सिद्धो के दर्शन तो हम भाव से कर लेते हैं। जैन धर्म भाव प्रधान धर्म है, भावना भवनासनि होती है ।
आपने कहा कि एक साधे सब सध जाए। यहां एक से तात्पर्य है- आत्मा। आत्मा सबसे बड़ा प्रभु है / गुरु है।
आपने कहा कि जब मैंने दीक्षा ली उस समय मुझे कोई विकल्प नहीं था। गुरु जी ने कहा कि कुछ और करना चाहते हो तो कर लो, तीर्थ चले जाओ, तब मैंने कहा था गुरुजी आपके चरणों में आ गया हूं अब कहीं नहीं जाना है, सारे तीर्थ धाम आपके चरणों में ही है।
आपने कहा कि नसिया जी में जो अंकुर बोये थे, वह अब फुट चुके हैं, नसिया अब उजड़ी हुई नहीं है, उजली हो गई है। मंच पर मुनि श्री विजयेश सागर जी महाराज एवं मुनि श्री विश्व हर्ष सागर जी महाराज भी विराजित थे।
इस अवसर पर दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद के अध्यक्ष श्री राजकुमार जी पाटोदी,पारस पांड्या , कमल काला, सतीश जैन, रिषभ पाटनी, मयंक जैन, राहुल गोधा, आकाश पांड्या, सविता जैन, सरिता जैन सहित सैकड़ो समाज जन उपस्थित थे।
जैन ने बताया कि कल से आचार्य श्री जी के प्रवचन प्रातः 8:30 बजे से मोदी जी की नसिया में ही होंगे. गुरु भक्ति शाम 6:00 बजे से होगी, व सामायिक 7:30 बजे।
उसी अवसर का चित्र संलग्न है
सतीश जैन (इला बैंक)
प्रचार प्रमुख