सूरत के फोस्टा अध्यक्ष श्री कैलाश हाकिम अगुवाई में कपड़ा एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों ने एम एस एम ई के नए प्रावधानों की जटिलताओं के मुद्दे पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से की मुलाकात
सूरत (गणपत भंसाली)
नए एम एस एम ई (43 बी) प्रावधानों से कुछ प्रावधानों पर सूरत सहित देश के कपड़ा व्यापारियों आदि का एतराज उठा है अतः इस सम्बंध में सूरत के कपड़ा व्यवसाहियों की प्रतिनिधि संस्था फेडरेशन ऑफ टेक्सटाइल्स ट्रेडर्स एसोसिएशन ‘फोस्टा’ के अध्यक्ष श्री कैलाश हाकिम, साउथ गुजरात टेक्सटाइल्स ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री सुनील कुमार जैन, अहमदाबाद स्थित मस्कति महाजन से जुड़े श्री गौरांग भगत, महामंत्री श्री नरेश शर्मा आदि पदाधिकारी 7 फरवरी को दिल्ली के उद्योग भवन में केंद्रीय एम एस एम ई राज्य मंत्री श्री भानु 9 फरवरी को सांय 5 बजे नई दिल्ली में नवसारी सांसद व गुजरात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री सी आर पाटील के नेतृत्व में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से मिले और कहा कि नए एम एस एम ई प्रावधान व्यापारियों के हित मे है लेकिन वर्तमान समय मे सूरत का कपड़ा व्यापार का सिस्टम इस नए नियम के लिए तैयार नही है। उन्होंने बताया कि एम एस एम ई एंव आयकर के नए प्रावधानों के चकते कपड़ा व्यापार थम सा गया है। प्रतिनिधिमंडल ने वित्तमंत्री से जो मांग की उसमें तीन बिंदु अहम थे, कपड़ा प्रतिनिधियों ने वित्तमंत्री से इन प्रावधानों को एक वर्ष तक टाल देने का निवेदन किया व छोटे बड़े सभी घटकों को एम एस एम ई से जोड़ने हेतु सुझाव दिया गया। तीसरा एम एस एम ई में पेमेंट करने की जो भुगतनावधि दी गई है, उसे बढ़ाने का सुझाव दिया गया है। फोस्टा की और से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कपड़ा प्रतिनिधि मंडल के सुझावों को गौर से सुना और कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हमेशा व्यापारियों के हित मे नीति बनाते हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि इस संदर्भ में विचारविमर्श कर व्यापारियों के हित मे हरसंभव प्रयास करने का आश्वाशन दिया। प्रतिनिधि मंडल ने एम एस एम ई मंत्री श्री भानुप्रसाद वर्मा को कपड़ा व्यवसाय की वर्तमान परिस्थितियों से रूबरू कराते हुए बताया कि
सूरत में कपड़ा व्यापार परम्परागत रूप से चला आ रहा है और इस व्यवसाय से जुड़े व्यवसायी दक्ष अवश्य है लेकिन शिक्षा की दृष्टि से इतने उच्च डिग्रीधारी नही है कि जितने ख्यातनाम कम्पनियों के सी ई ओ आदि होते हैं। अतः नए प्रावधानों से भुगतान सम्बन्धी जो नीति नियम बनाये उससे देश भर की कपड़ा मंडियों के व्यवसायियों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है, विशेष कर देश भर की अधिकांश मंडियों में कपड़ा व्यवसाहियों ने सामने व्यवसाहिक सीजन होने के बावजूद कपड़ा खरीदी रोक डाली है कारण हमेशा की तरह लम्बी उधारी में खरीदे गए कपड़े का वे किस तरह महज 45 दिन में भुगतान कर पाएंगे कारण सामने लम्बी उधारी में माल जो बेचा हुआ है तो वो बकाया राशि का रोटेशन न हो पाने से वे सूरत, अहमदाबाद, भीलवाड़ा, मुम्बई, पाली, बालोतरा आदि के व्यापारियों से खरीदे गए कपडे का पेमेंट नए प्रावधानों के तहत समयावधि में नही कर पाएंगे। इन हालातों में देश भर में कपड़ा खरीदी थम सी गई है और वित्तमंत्रालय द्वारा भुगतनावधि सम्बन्धी जटिलताएं दूर कर सरल ढांचा नही बनाया जाता तब तक व्यापार-व्यवसाय थमा हुआ रहने की प्रबल संभावना हैं। प्रतिनिधिमंडल ने सूरत आदि कपड़ा मंडियों के पेमेंट रोटेशन की साइकिल के पहलुओं से वित्तमंत्री व एम एस एम ई मंत्री को अवगत कराते हुए बताया कि कपड़ा ग्रे कपड़े से प्रोसेस होने तक कि व फेब्रिक्स के रूप में तैयार होने में लम्बी प्रक्रिया है और उस फेब्रिक्स को उधारी में बेचने के पश्चात भुगतान मिलने में 3 से 6 माह व कोरोना, महामारी, प्राकृतिक आपदा आदि विषम हालातों में तो बेचे गए कपड़े का भुगतान कब हो पाएगा कि कपड़ा रिटर्न आएगा उसका कोई निश्चित ठिकाना नही है। जबकि एम एस एम ई के नए प्रावधानों के तहत 45 दिनों में भुगतान करना आवश्यक है। जब बकाया पेमेंट सामने से मिल ही नही पायेगा तो चुकाया कैसे जाएगा ? ये उल्लेखनीय है कि फोस्टा अध्यक्ष श्री कैलाश हाकिम की अगुवाई में कपड़ा व्यापारियों व व्यवसाहिक संगठनों का प्रतिनिधि मंडल 7 फरवरी को दिल्ली पहुंचा था, सर्वप्रथम वे उद्योगभवन में एमएसएमई केंद्रीय राज्यमंत्री भानु प्रसाद वर्मा से मिले व नए प्रावधानों से पैदा होने वाली परेशानियों से मंत्री महोदय को अवगत कराया। प्रतिनिधि मंडल में फोस्टा के अध्यक्ष श्री कैलाश हाकिम, साउथ गुजरात टेक्सटाइल्स ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री सुनील कुमार जैन, महामंत्री श्री सचिन अग्रवाल, मस्कति महाजन अहमदाबाद से जुड़े श्री गौरांग भगत, महामंत्री श्री नरेश शर्मा, फोस्टा डायरेक्टर हंसराज जैन, सुरेश मोदी, दिनेश भोगड़, सुनील कोठारी, गिरीश फ़तनानी, सुनील मित्तल व सूरत के नगर पार्षद श्री दिनेश राजपुरोहित व चार्टेड एकाउंटेंट श्री राजेश भाऊ वाला भी शामिल थे। ये उल्लेखनीय है कि एम एस एम ई से जुड़े नए प्रावधानों से सूरत, अहमदाबाद, पाली, बालोतरा, जसोल, जोधपुर, इचलकरंजी, मालेगांव, मुम्बई, भिवंडी, तिरुपुर, इरोड, बुरहानपुर, सोलापुर, मथुरा, हैदराबाद, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, वाराणसी, महुनाथ भंजन, दिल्ली, कोलकोता, चेन्नई आदि उत्पादक व कारोबारी मंडियों में कारोबार थम सा गया है व सूरत अहमदाबाद आदि मंडियों से देश भर में भेजी गई कपड़ा पार्सले रिटर्न आने का खतरा मंडराने लगा है। हर कोई कपड़ा व्यापारी चिंतातुर नजर आ रहा है कि 45 दिवसीय उधारी जैसे नए प्रावधानों से सदैव लम्बी उधारी में चल रहा व्यापार अब किस और रुख करेगा।