सिद्धचक्र महामंडल विधान भव्य घटयात्रा से प्रारंभ होगा

 

कोटा आर के पुरम स्थित परम पूज्य जंगल वाले बाबा मुनि श्री चिन्मय सागर जी महाराज की मंगल प्रेरणा से निर्मित श्री १००८ दिगम्बर जैन मंदिर (त्रिकाल चौबीसी) में अध्यात्मयोगी आचार्य श्री 108 विशुद्धसागर की यतिराज के प्रज्ञावंत शिष्य श्रुतसंवेगी श्रमणरत्न श्री 108 आदित्यसागर जी श्रुतप्रिय श्रमणरत्न श्री 108 अप्रमितसागर जी एवं सहजानंदी श्रमणरत्न श्री 108 सहजसागर जी मुनिराज के मंगल सानिध्य में फाल्गुन मास की आष्टानिका के पावन सुअवसर पर दिनांक 17 मार्च से 25 मार्च 2024 तक सिद्धचक्र महामंडल विधान हर्षोल्लास के वातावरण में आयोजित होगा।

मंदिर समिति के अध्यक्ष अंकित जैन महामंत्री अनुज जैन कोषाध्यक्ष ज्ञान चंद जैन ने बताया कि विधान भव्य विशाल घटयात्रा से प्रारंभ होगा । इंद्र इंद्राणी के संग सैकड़ों श्रद्धालुगण झूम झूम भक्ति रस में डूब जायेगे। विधान में इंद्र इंद्रानियो के द्वारा प्रतिदिन क्रमश 8,16,32, 64,128,256,512 एवम 1024 अर्घ्य समर्पित करेगे। विधि विधान की क्रियाएं पंडित अभिषेक शास्त्री दमोह एवं पंडित हेमंत शास्त्री के द्वारा कराई जाएगी।।राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी एवं मंदिर समिति के प्रचार प्रसार मंत्री पारस जैन पार्श्वमणि एवम अंशुल जैन ने बताया कि प्रतिदिन धर्मसभा में शास्त्रभेट, चित्र अनावरण, पाद प्रक्षालन की मांगलिक क्रियाएं की जायेगी। विधान संगीत की सुमधुर ध्वनि धुनों के साथ सौरभ सिद्धार्थ कोटा करवाएगै। इंद्र इंद्रानिया भक्ति में झूमकर नृत्य करते हुवे पूजा आराधना करेगे। शोभा यात्रा के बाद ध्वजारोहण पंडाल उद्घाटन उसके बाद आचार्य निमंत्रण की क्रियाएं होगी। कार्याध्यक्ष प्रकाश जैन ने बताया कि इसके बाद सकलीकरण , इंद्र प्रतिष्ठा, मण्डप शुद्धि होने के बाद सिद्ध चक्र विधान होगा ।
मंदिर समिति के अध्यक्ष अंकित जैन ने बताया कि विशुद्ध ज्ञान ग्रीष्मकालीन वाचना मुख्य कलश स्थापना करने का सौभाग्य
श्री ज्ञानचंद जी,संजय जी तृप्ति जी जैन बंसल सपरिवार को प्राप्त हुआ ।
राष्ट्रीय मिडिया प्रभारी एवम मंदिर समिति के प्रचार प्रसार मंत्री पारस जैन पार्श्वमणि ने आगे बताया कि सर्वार्थ सिद्धि कलश लेने का सौभाग्य
श्री प्रकाश चंद जी,विवेक जी–कल्पना जैन सपरिवार।
श्री अजित जी– निधि जी, स्वस्ति जी, प्रणम्य जी सपरिवार
श्री मनोज जी,आशीष जी, प्रगम जी, जैन जैसवाल सपरिवार
श्री एस.के . जैन साहब–शशि जी,अंकित जी–सुहानी जैन सपरिवार को प्राप्त हुआ था । विदित हो की विधान मंदिर के बाहर विशाल पांडाल में श्रद्धा भक्ति भाव से आयोजित होगा बाहर से आने वालो की भी व्यवस्था रहेगी। रात्रि में मंदिर की छवि देखते ही बनती है। बहुत ही सुंदर लाइटिंग व्यवस्था की गई है।

  • पा रस जैन पार्श्वमणि पत्रकार कोटा

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