श्री सुधासागर जी का कुंडलपुर में हुआ भव्य प्रवेश

(रत्नेश जैन रागी बकस्वाहा)

कुण्डलपुर ।  मध्यप्रदेश बुन्देलखण्ड के दमोह जिले के सुप्रसिद्ध श्री दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र कुंडलपुर की पावन वसुंधरा पर विश्व वंदनीय संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य तीर्थोद्धारक निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव श्री सुधा सागर जी महाराज का ससंघ भव्य मंगल प्रवेश हुआ। इस अवसर पर उनकी भव्य अगवानी में देशभर से हजारों श्रद्धालु भक्त उमड़ पड़े । पटेरा ग्राम के जैन मंदिर से जैसे ही मुनिश्री ने कुंडलपुर की ओर बिहार किया पटेरा से लेकर कुंडलपुर तक करीब 3.5 किमी लम्बे रास्ते में जन सैलाब श्रध्दा भक्ति उमंग उत्साह के साथ चल रहा था जो पूरे रास्ते में मुनिश्री की भव्य अगवानी में पलक पांवडे बिछाए नाचते गाते, नारे लगाते हुए चल रहा था। आगरा, कानपुर झांसी, ललितपुर, अशोकनगर, जबलपुर, बीनागंज, सागर, सांगानेर , बकस्वाहा, दमोह , हटा ,पटेरा , ललितपुर, आगरा सहित अनेकों स्थानों से मुनिश्री के भक्त एवं शिवरार्थी बड़ी संख्या में आए । ज्ञानोदय परिवार नारेली से सुसज्जित रथ गुरुवर हमको तारों – राजस्थान पधारो का अलख जागता हुआ चल रहा था । सागर एवं मुगावली बैंड पार्टी जनाकर्षण का केंद्र रही।
कुंडलपुर प्रवेश द्वार पर कुंडलपुर में पूर्व से विराजित सभी साधुओं का भव्य मंगल मिलन हुआ । इस अवसर पर कुंडलपुर में पूर्व से विराजित निर्यापक मुनि श्री प्रसादसागर जी, निर्यापक मुनि श्री अभय सागर जी ,निर्यापक मुनि श्री संभव सागर जी, मुनि प्रमाण सागर जी, मुनि श्री प्रभात सागर जी, मुनि श्री चंद्रसागर जी, मुनि श्री प्रणम्यसागर जी ,मुनि श्री आनंद सागर जी, मुनि श्री निर्णय सागर जी ,मुनि श्री अजितसागर जी, मुनि श्री विनम्रसागर जी ,मुनि श्री विशदसागर जी ,मुनि श्री विराटसागर जी, आर्यिकारत्न श्री तपोमती माताजी ,आर्यिका श्री ऋजुमति माताजी, आर्यिका श्री चिंतनमति माताजी, आर्यिका श्री सौम्यमति माताजी ससंघ सभी शिष्यों का अभूतपूर्व मंगल वात्सल्य मिलन हुआ । तत्पश्चात धर्मसभा आयोजित की गई , जिसमें पूज्य निर्यापक मुनि श्री अभय सागर जी व मुनि श्री प्रमाण सागर जी के बाद निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी महाराज ने सभी को मंगल आशीर्वाद दिया और कहा कि पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी गुरुदेव के अनेक उपकार है । गुरु की भावना साकार हो । गुरुदेव की विरासत और श्रवण संस्कृति को युगयुगांतर तक जीवंत और अक्षुण्ण बनाए रखें । मुनिश्री ने कहा कि हम शिष्य व श्रमण संस्कृति के तकरीबन 350 कंधे एक साथ मिलकर आचार्यश्री की भावना को साकार करेंगे और समस्त श्रावक श्रध्दालु सहित हम सब मिलकर करेंगे।
निर्यापक व मुनिश्री के पाद प्रक्षालन उपरांत धर्मसभा आचार्य भक्ति में बदल गई। इस अवसर पर पाद प्रक्षालन का सौभाग्य महोत्सव समिति के अध्यक्ष अशोक पाटनी किशनगढ़ ( राजस्थान) सपरिवार , राजेंद्र कटारिया अहमदाबाद , प्रमोद पहाड़िया सांगानेर , हुकुमचंद काका चांदखेड़ी , मनीष सीए तथा कुंडलपुर समिति के अध्यक्ष , संयोजक , सहसंयोजक सहित अनेक अतिथियों को मिला ।
इस अवसर पर कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी के पदाधिकारी , महोत्सव समिति के पदाधिकारी व समितियों के प्रभारी व सदस्य सहित हजारों भक्तगण, ब्रह्मचारी भैया जी, दीदी जी ,कुंडलपुर जैन समाज, कुंडलपुर स्टाफ आदि की उपस्थिति रही। इस भव्य अगवानी के भव्य दृश्यों के साक्षी बनने का सौभाग्य मुझ मीडिया समिति के रत्नेश जैन रागी को भी मिला और मेरे साथ सचिन मझगुवां व अनेकांत खडेरी आदि को बीडीओ व तस्वीर बनाकर सबको भेजने का अवसर मिला । महोत्सव समिति के मीडिया समिति के जयकुमार जलज हटा तथा राजेश जैन रागी बकस्वाहा ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि आज शुक्रवार 5 अप्रैल को पूज्य निर्यापक मुनि श्री योगसागर जी ,नियम सागर जी, समता सागर जी महाराज ससंघ सहित अनेक आचार्यश्री के शिष्यों का कुण्डलपुर में भव्य प्रवेश हो रहा है । कमेटी ने सभी से पधारकर पुण्य लाभ प्राप्त करनें की अपील की है। स्मरण रहे कि पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की समतापूर्वक समाधि मरण उपरांत उनके आचार्य पद पदारोहण महामहोत्सव का आयोजन आगामी 16 अप्रैल मंगलवार को कुण्डलपुर में आयोजित किया गया है जिस हेतु आचार्य श्री के सभी शिष्य कुण्डलपुर पहुंच रहे हैं, अभी तक तकरीबन 82 अधिक पिच्छिकाधारी साधु-संत पहुंच चुके और करीब 300 से 350 पिच्छिका धारी पहुंचने की सम्भावना है।

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