गज़ब: फेक एयरबैग्स की मैन्युफैक्चरिंग और बिक्री पुलिस ने पर्दाफर्श किया

नई दिल्ली सड़क पर दौड़ती कार कुछ देर के लिए ही सही लेकिन यात्रियों के लिए सुरक्षा कवच की तरह भी काम करती है। जिसका मजबूत और अभेद होना बेहद ही जरूरी होता है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए न केवल कार कंपनियां बल्कि सरकार भी तमाम कोशिशें करती रहती है। लेकिन इन तमाम कोशिश के बीच कुछ लोग हैं, जो पैसों के लिए लोगों की जिंदगी से खेलने से भी बाज नहीं आते हैं।
दिल्ली पुलिस ने बीते दिनों एक गिरोह पर्दाफर्श किया है, जो अवैध तरीके से फेक एयरबैग्स की मैन्युफैक्चरिंग और बिक्री कर रहे थें। ये गैंग पिछले 4 सालों से दिल्ली में रहकर मारुति सुजुकी से लेकर बीएमडब्ल्यू और फॉक्सवैगन सहित कई बड़े ब्रांड्स के नाम पर फेक एयरबैग बना रहा था। फिलहाल पुलिस ने गैंग के 3 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने छापेमारी में तकरीबन 1.84 करोड़ रुपये के 921 काउंटर फिटेड एयरबैग भी जब्त किया है।
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पुलिस ने बताया कि, माता सुंदरी रोड के पास एक वर्कशॉप में छापा मारा गया। जहां ये गैंग भारत में बिकने वाले तकरीबन सभी ब्रांड्स के फेक एयरबैग की मैन्युफैक्चरिंग कर रहा था। छापेमारी के दौरान पुलिस को मारुति सुजुकी, फॉक्सवैगन, बीएमडब्ल्यू, सिट्रॉयन, निसान, रेनो, महिंद्रा, टोयोटा, होंडा, टाटा मोटर्स, फोर्ड, किआ, सुजुकी, हुंडई और वोल्वो सहित 16 ब्रांड्स के एयरबैग मिले हैं। fake airbags
मामले में सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के डिप्टी कमिश्नर एम. हर्षवर्धन का कहना है कि, वहां इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। ये गैंग पिछले 3-4 सालों से काउंटर फिट एयरबैग्स बना रहा था। इनके पास इन एयरबैग्स को बनाने का अधिकार नहीं था। इस मामले में पुलिस इन वाहन निर्माता कंपनियों से भी संपर्क में है, ताकि इसकी तस्दीक की जा सके कि, ये एयरबैग्स स्टैंडर्ड नियमों के अनुसार बनाए गए थें या नहीं। प्रथम दृष्टया सामने आया हैं कि ये आरोपी देश भर के वर्कशॉप में इन फेक एयरबैग्स को भेजते थें।
फर्जी एयरबैग से कैंसे बचे
हर एयरबैग पर एक यूनिक पार्ट नंबर दिया जाता है। इन नंबर्स को आप कार निर्माता के डाटा बेस से मैच कराए। जिसका उपयोग उनकी प्रामाणिकता की पुष्टि के लिए किया जा सकता है। यदि पार्ट नंबर मेल नहीं खाता है, तब संभवतः एयरबैग नकली है। fake airbags
एयरबैग आमतौर पर पॉलिएस्टर की तरह की मजबूत टेक्सटाइल या कपड़े से बना एक गुब्बारे जैसा कवर होता है। एयरबैग को खास मैटेरियल से टेनेसिल स्ट्रेंथ (कपड़े की मजबूती) के लिए डिजाइन किया जाता है, ताकि दुर्घटना के समय यात्रियों को सुरक्षित रखा जा सके। फेक एयरबैग की क्वॉलिटी अलग होती है, इस आसानी से पकड़ा जा सकता है।
नकली एयरबैग का फीनिश और फिटिंग उतनी बेहतर नहीं होती है। नकली एयरबैग अक्सर घटिया सामग्री से बने होते हैं और उनमें टूट-फूट या डैमेज पार्ट्स दिखाई दे सकते हैं।
एक आम आदमी के लिए एयरबैग की पहचान करना उतना आसान नहीं है। क्योंकि ये एक ऐसा पार्ट होता है जो आम लोगों की नजरों से हर वक्त गुजरा हो ऐसा जरूरी नहीं है। इस पहचानने में धोखा भी हो सकता है।
इसलिए यहां हम कुछ उपाय बता रहे हैं जिससे आप फेक एयरबैग की धोखाधड़ी से बच सकते हैं
1. कार के एयरबैग में किसी तरह की खराबी की जांच के लिए हमेशा आधिकारिक सर्विस सेंटर पर ही इसकी जांच करवाएं।
2. कभी भी रोड साइड के सामान्य वर्कशॉप पर एयरबैग को चेंज करवाने की गलती न करें।
3.ऑनलाइन एयरबैग की खरीदारी से बचें। आज कल बहुत सी ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स हैं जो कम कीमत का लालच देकर फेक एयरबैग बेच रही हैं।
4.सोशल मीडिया पर भी कम कीमत और सस्ते एयरबैग की खरीदारी के प्रलोभन से बचें।
Source – EMS