प्रदेश में ड्रोन नीति बनाई जाएगी

एक जुलाई से प्रारंभ होंगे पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस

Drone policy will be made in the state, PM College of Excellence will start from July 1
Drone policy will be made in the state, PM College of Excellence will start from July 1

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए बनाए गए नियमों के अनुकूल कार्य संचालन पहली प्राथमिकता हो। महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के पदाधिकारी विद्यार्थियों के हित में आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश अग्रणी रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में ड्रोन नीति बनाई जायेगी। उन्होंने कहा कि विमानन, कृषि और ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंट (एआई) में रोजगार के बढ़ते अवसरों को दृष्टिगत रखते हुए अध्यापन की बेहतर व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करेंगे। Drone policy

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी 55 जिलों में एक जुलाई से पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस का शुभारंभ समारोहपूर्वक किया जायेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता और बेहतर प्रबंधन पर सतत ध्यान दिया जाना आवश्यक है। उच्च शिक्षा संस्थानों में आवश्यक अधोसंरचनात्मक विकास के लिए राज्य शासन द्वारा पूर्ण सहयोग दिया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को मंत्रालय स्थित कक्ष में उच्च शिक्षा विभाग की गतिविधियों पर वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक में विस्तृत चर्चा कर रहे थे।

पायलट ट्रेनिंग के लिए पाठ्यक्रम बनेंगे उपयोगी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में उत्कृष्ट महाविद्यालय प्रारंभ हो रहे हैं, जो प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था का चेहरा बनेंगे। ये महाविद्यालय देश के अन्य राज्यों के लिए आदर्श शिक्षण केन्द्र के रूप में पहचान बनाएं, इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग के साथ ही अन्य संबंधित विभागों, स्थानीय प्रशासन, विद्यार्थियों, अभिभावकों और नागरिकों को सजग भूमिका निभानी है।

उच्च शिक्षा, उद्योग, कृषि और अन्य संबंधित विभागों में ड्रोन के उपयोग और प्रशिक्षण के संबंध में रणनीति बनाकर कार्य किया जाए।

विमानन एवं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे विषयों में युवाओं की बढ़ती रूचि के मद्देनजर गौरव का विषय है कि देश का पहला हेलीकॉप्टर पायलट ट्रेनिंग स्कूल खजुराहो में आरंभ किया गया है।

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राज्य सरकार का प्रयास है कि हवाई पटटियां जहां-जहां है, वहां वहां पायलट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, निकटवर्ती विश्वविद्यालय के माध्यम से डिग्री और डिप्लोमा कोर्स की व्यवस्था करें। इस पहल से प्रदेश में रोजगार परक शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा और निवेश भी आकर्षित होगा। Drone policy in mp

एक जुलाई से प्रारंभ होंगे पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस

इस वर्ष प्रदेश के सभी जिलों में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना का निर्णय लिया गया था। राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अतंर्गत प्रदेश के सभी जिलों में एक-एक प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेन्स स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।

प्रदेश के 55 जिलों में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेन्स स्थापित करने के लिए चयनित महाविद्यालयों में अतिरिक्त पदों की स्वीकृति भी दी गयी है। इसके साथ ही आवश्यक बजट भी उपलब्ध करवाया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एक जुलाई से प्रारंभ होने वाले एक्सीलेंस कॉलेज जिले का गौरव होंगे।

एक्सीलेंस कॉलेज से जिले की तहसीलों एवं जिले के नागरिकों को जोड़ें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रत्येक पीएम कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस में भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र भी खुलेगा। इसके लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएगी। Drone policy

बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रमुख निर्देश

रोजगार परक पाठ्यक्रमों के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित और प्रोत्साहित करें।

उच्च शिक्षा विभाग एक्सीलेंस कालेजों में कृषि सहित अन्य उपयोगी पाठ्यक्रम शुरू होंगे। विद्यार्थियों को इसकी व्यवस्थित रूप से जानकारी प्रदान की जाए।

प्रदेश के महाविद्यालय और विश्वविद्यालय ऐसी छवि निर्मित करें कि अन्य राज्यों के बच्चे यहां पढ़ने आएं, ऐसा वातावरण निर्मित करें। Drone policy

महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में श्रेष्ठ शैक्षणिक कार्यों को पूर्ण प्रोत्साहन दिया जाए।

महाविद्यालयों में आवश्यक अधोसंरचना विकास कार्य संपन्न हों। नए पाठ्यक्रम अवश्य प्रारंभ हों। पर्यटन से सम्बंधित पाठ्यक्रम भी प्रारम्भ होंगे।

प्रदेश के उच्च शिक्षा केन्द्र बहु-संकाय सुविधा से युक्त होना चाहिए।

प्रदेश में अकादमिक सत्र 2024-25 से शुरू हो रहे नवीन पाठ्यक्रम जैसे बी.एससी. एग्रीकल्चर कोर्स, अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रम और अन्य कोर्सेस की जानकारी विद्यार्थियों को प्रदान की जाए।

विमानन एवं अन्य पाठ्यक्रमों के लिए की गई व्यवस्थाओं से भी विद्यार्थियों को अवगत करवाया जाए।

विद्यार्थियों को महाविद्यालय आने-जाने के लिए परिवहन व्यवस्था उपलब्ध करवाई जाए।

source  – mpinfo

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