मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना: बुजुर्गो को प्रदेश के तीर्थ स्थल भी दिखाएं जायेंगे

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को देश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों के साथ ही मध्यप्रदेश स्थित प्रमुख धार्मिक स्थलों के भ्रमण करवाये जाने को दृष्टिगत रखते हुए योजना का विस्तार किया जाए। इसके लिए धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग आवश्यक अध्ययन कर कार्य-योजना तैयार करे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहाकि प्रदेश के स्थानों की यात्रा से जहां बुजुर्ग यात्रियों को अपने ही प्रदेश के प्रसिद्ध स्थान देखने और देव दर्शन का अवसर मिलेगा वहीं प्रदेश की अर्थव्यवस्था की दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण होगा। प्रदेश की भौगोलिक रचना के कारण नागरिक अनेक तीर्थ स्थान देख नहीं पाते और अपने ही प्रदेश की विशेषताओं से अनजान रहते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोमवार को मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के क्रियान्वयन संबंधी मंत्रालय में हुई बैठक में कहा कि युवा वर्ग को भी प्रदेश की पुरा-संपदा और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों से परिचित करवाने के लिए अन्य विभाग भी पहल करें। ज्ञान-विज्ञान के केंद्रों, ऐतिहासिक महत्व के स्थानों, प्राकृतिक सुंदरता के स्थानों और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों तक युवाओं को ले जाने से उनके ज्ञान में वृद्धि होगी। जनजातीय विकास विभाग द्वारा प्रत्येक जिले से मेरिट एवं अन्य आधार पर विद्यार्थियों का चयन कर उन्हें प्रदेश के महत्वपूर्ण स्थानों का भ्रमण करवाया जाए। धार्मिक न्यास,धर्मस्व मंत्री श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी बैठक में वर्चुअली शामिल हुए। बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री संजय कुमार शुक्ला एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
जनजातीय कलाकारों की सांस्कृतिक यात्रा भी करें आयोजित
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के जनजातीय बहुल क्षेत्रों में अनेक लोक गायक, संगीतकार और कलाकार निवास करते हैं। इन्हें प्रदेश के विभिन्न स्थानों के भ्रमण के लिए आमंत्रित किया जाए। वे मंचीय प्रस्तुति के लिये अपनी यात्रा, पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ करें। विभिन्न देव स्थानों के भ्रमण का लाभ भी उन्हें मिलेगा। ऐसे स्थानों पर आने वाले देश- विदेश के पर्यटकों और श्रद्धालुओं तक कलाकारो की कला भी पहुंचेगी।
देव स्थानों पर निरंतर करें सुविधाओं में वृद्धि
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के प्रमुख तीर्थ स्थानों के साथ ही अन्य देव स्थलों पर भी विभिन्न सुविधाओं का विकास आवश्यक है। देव स्थल परिसर सुविधायुक्त हों, इसके लिए विभिन्न संबंधित विभाग सक्रिय रहें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राम राजा की नगरी ओरछा, शारदा माता के स्थान मैहर, बड़ा महादेव मंदिर, चौरागढ़ महादेव, जटा शंकर पचमढ़ी पर व्यवस्थाएं बेहतर करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक लोकों के निर्माण के संबंध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की।
आठ लाख नागरिकों को मिला है योजना का लाभ
धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग द्वारा बैठक में प्रजेंटेशन में बताया गया कि प्रदेश में वर्ष 2012 से प्रारंभ मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का आईआरसीटीसी द्वारा योजना का संचालन किया जा रहा है। इसमें देश के 41 एकल तीर्थ स्थल और 9 युग्म तीर्थ स्थल सम्मिलित हैं।

गत 12 वर्ष में प्रदेश के लगभग 8 लाख श्रद्धालुओं को योजना का लाभ प्राप्त हुआ है। यात्रा के लिए 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों का चयन किया जाता है। महिलाओं के लिए दो वर्ष की छूट है। जो नागरिक 65 वर्ष से अधिक आयु के हैं अथवा दिव्यांग हैं उन्हें अपने साथ सहायक ले जाने की पात्रता है। तीर्थ यात्रियों को भोजन, रहने की सुविधा के साथ ही चिकित्सा, सुरक्षा और सड़क परिवहन सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाती है। विगत वित्त वर्ष में 29 भारत गौरव ट्रेनों के संचालन से प्रदेश के 18 हजार 480 श्रद्धालु लाभान्वित हुए।
वर्तमान वित्त वर्ष में वाराणसी- अयोध्या, रामेश्वरम, द्वारका, जगननाथपुरी, कामाख्या, शिर्डी, हरिद्वार, मथुरा- वृंदावन, बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की दीक्षा भूमि (नागपुर) और स्वर्ण मंदिर अमृतसर के लिए 35 ट्रेनों की व्यवस्था कराई जाएगी। वर्ष 2023-24 से वायुयान द्वारा तीर्थ यात्रा भी शुरू की गई है। इसका लाभ प्रदेश के 25 जिलों के 790 तीर्थ यात्रियों को प्राप्त हुआ है। इन्हें भोपाल और इंदौर एयरपोर्ट से प्रयागराज, गंगासागर, शिर्डी और मथुरा वृंदावन की यात्राएं कराई गईं।
अभियानों में परिषद की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद, सामाजिक संगठनों के सहयोग से आदर्श ग्रामों के विकास, कृषि, पशुपालन, पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में नवीन प्रकल्पों को क्रियान्वित करें। अंतर्राज्यीय परियोजनाओं के प्रदेश के संबंधित क्षेत्र में आमजन के बीच जागरूकता के निर्माण और आदर्श ग्रामों के विकास के कार्य भी प्राथमिकता से किए जाएं।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने सोमवार मंत्रालय में परिषद के शासी निकाय की बैठक में गतिविधियों की जानकारी लेकर आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में उप-मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि परिषद द्वारा अब तक संचालित गतिविधियां सराहनीय हैं। परिषद द्वारा आदर्श ग्रामों के विकास के लिए पंचायतों को प्रोत्साहित करने का कार्य निरंतर किया जाए। हैरीटेज एवं रूरल टूरिज्म के क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने और ग्रामों में जन सहयोग जुटाने का कार्य किया जाए। इसी तरह किसानों के बीच जाकर जीरो बजट पर खेती, पशुओं की नस्ल सुधार, गांव के मसले गांव में ही हल किए जाने के साथ ही, जिन ग्रामों में कोई विवाद नहीं है उन ग्राम पंचायतों को सम्मानित करने का कार्य भी करना है।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि जन अभियान परिषद जन सेवा के अछूते क्षेत्रों में भी कार्य की पहल करे। उदाहरण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश की घटनाओं को देखते हुए पंचायत स्तर पर ऐसे विशेषज्ञ प्रशिक्षित किए जाएं जो सर्प की प्रजातियां पहचानने, उन्हें पकड़ने और वन क्षेत्र में उन्हें छोड़ने के दायित्व को पूरा करें।
सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से जन-जागरूकता बढ़ाने का कार्य निरंतर चलना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल-गंगा संवर्धन अभियान की तरह अन्य समाजोपयोगी अभियानों के संचालन में परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। ग्रामीणों को प्राचीन धरोहर के संरक्षण के लिए शिक्षित एवं जागरूक बनाने का कार्य भी रचनात्मक प्रयासों में शामिल हो। बैठक में परिषद की ओर से सम्पन्न गतिविधियों की जानकारी प्रजेंटेशन द्वारा दी गई।
पाठ्यक्रम पुस्तिकाओं का किया गया विमोचन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव, उप-मुख्यमंत्री श्री देवडा और पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री श्री पटेल ने विभिन्न पाठ्यक्रम पुस्तिकाओं का संयुक्त रूप से विमोचन किया। मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के तहत महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट की ओर से समाज कार्य स्नातक पाठ्यक्रम (बीएसडब्ल्यू) प्रथम वर्ष पाठ्यक्रम का विमोचन किया गया।
विभिन्न आठ पुस्तिकाओं में समाज कार्य का परिचय, पर्यावरण अध्ययन, हिंदी भाषा, प्रवेश विवरणिका, अंग्रेजी भाषा और भारतीय संस्कृति, समाज कार्य एवं अन्य अवधारणाएं, योग एवं ध्यान, विकास की अवधारणा एवं क्रियान्वयन शामिल है।
इसके साथ ही समाज कार्य परास्नातक पाठ्यक्रम (एमएसडब्ल्यू) औद्योगिक संगठनों में समाज कार्य, मानव संसाधन प्रबंधन, हिंदी भाषा और संस्कृति, सामुदायिक संगठन एवं सामाजिक क्रिया पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। बैठक में भूमिहीन की आवाज और कृषि, श्रम की सामाजिक आर्थिक स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री संजय कुमार शुक्ला और म.प्र. जन अभियान परिषद के कार्यपालक निदेशक डॉ. धीरेंद्र कुमार पांडे उपस्थित थे।
source – mpinfo