मुरेना (मनोज नायक) जैसा कि पिछले कुछ वर्षों से दीपावली अर्थात कार्तिक कृष्ण अमावश्या तिथि का चौदस के दिन दोपहर बाद प्रारम्भ होना और अमावश्या वाले दिन दोपहर तक समाप्त होने से शाम को पांच बजे से प्रदोष काल तक अमावश्या न रहने से जन मानस में भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
क्योंकि गौतम स्वामी / सरस्वती का पूजन दिन में और जो दीपावली का पूजन व्यापार आदि लक्ष्मी मानकर करते हैं वो शाम को दिन रहते और प्रदोष काल में कर लिया जाता हैं। वही कुछ वर्षों से प्रदोष काल चतुर्दशी तिथि में आने से संशय बन जाता हैं। इस बार जन मानस की उलझन को सुलझाने का प्रयास मुहूर्त निकालने में किया है।
दीपावली पूजन मुहूर्त अमावश्या तिथि प्रारम्भ 12 नवम्बर रविवार दोपहर 14:44 बजे से प्रारम्भ होगी जो 13 नवम्बर सोमवार दोपहर 14:56 बजे तक अमावश्या तिथि समाप्त हो जाएगी। इस बीच में ही दोनों दिन अपने अपने मत अनुसार पूजन होंगे।
पूजन मुहूर्त -12 नवम्बर रविवार फेक्ट्री, व्यापार, दुकान, प्रतिष्ठान आदि स्थलों के लिए और जो दीपावली महालक्ष्मी मानकर पूजन करते है उनके लिए मुहूर्त- कलम, दवात, सामग्री, यंत्र रचना करने के लिए 12 नवम्बर रविवार लाभ एवं अमृत की चौघड़िया प्रातः 09:24 बजे से 10:44 बजे तक लाभ, 10:44 बजे से 12:05 बजे तक अमृत के साथ अभिजीत मुहूर्त 13:26 बजे से 14:46 बजे तक, शुभ की चौघड़िया शाम को 05:28 बजे से दिन रहते और प्रदोष काल तक शुभ, अमृत की चौघड़िया में पूजन करें।
ज्योतिषाचार्य डॉ. हुकमचंद जैन ने बताया कि जो शुद्ध जैन आम्नाय से पूजन करना चाहते हैं वो 13 नवम्बर सोमवार को महावीर निर्वाण लाडू के बाद से अमावश्या तिथि रहते तक दोपहर 14: 56 बजे तक अपने अपने फेक्ट्री, व्यापार, दुकान, निवास आदि स्थलों पर पूजन कर सकते हैं ।
13 नवम्बर सोमवार को महावीर निर्वाण लाडू मुहूर्त प्रातः अमृत की चौघड़िया और स्थिर बृश्चिक लग्न में प्रातः 06:43 बजे से 09:30 बजे तक ततपश्चात ही गौतम स्वामी/सरस्वती पूजन करें । दूसरा मुहूर्त दोपहर स्थिर कुंभ लग्न में 13:26 बजे से 14:56 बजे तक अमावश्या तिथि के रहते तक श्री गौतम स्वामीजी /सरस्वती पूजन करना श्रेष्ठ एवं शुभ है।