भगवान महावीर स्वामी ने पांच सूत्र दिए थे वह हैं -अहिंसा, सत्य , अचौर्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह।


जो इन पांच सूत्रों को अंगीकार कर लेता है वह नियम से भगवान बन जाता है।
– मुनि श्री विजयेश सागर जी महाराज
इंदौर। आप बहुत पुण्यशाली हैं जो प्रतिदिन जिनवाणी का श्रवण कर रहे हैं। हम भगवान महावीर की वाणी आप तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। भगवान महावीर की वाणी सिद्धत्व की वाणी है । जिनवाणी का निरंतर अध्ययन करने से व्यक्ति निखर जाता है, बिखरता नहीं है। उक्त विचार मुनि श्री विजयेश सागर जी महाराज ने आज मोदी जी की नसिया में अपने प्रवचन में व्यक्त किये ।
मुनि श्री ने कहा कि व्यक्ति दूसरे पर तो करुणा कर देता है पर अपने आप पर नहीं कर पाता । जब तक अपने आप पर करूणा नहीं करोगे, सिद्ध नहीं बन पाओगे । जब हम साधना करते हैं तो सिद्धि अपने आप प्राप्त हो जाती है । सिद्ध बनने की आवश्यकता नहीं, सिद्ध तो हो जाते हैं । जिसका पुण्य प्रबल होता है उसका कोई बाल – बांका नहीं कर सकता । जीवन में पहले छोटे-छोटे नियम लो और उनका पालन करो। आपको कोई परेशानी आती है तो वह किसी के देने से नहीं, बल्कि स्वयं के कर्मों के कारण आती है।
पाप जलता है और पुण्य चमकता है।
मुनि श्री ने कहा कि आपके अंदर श्रद्धा के भाव नहीं है, पुण्य को याद करोगे तो पुण्य ही पुण्य आएगा और पाप को याद करोगे तो पाप आएगा।
आपने कहा कि भगवान महावीर स्वामी का 2550 वां निर्वाणोत्सव आ रहा है, उस दिन भगवान महावीर स्वामी को निर्वाण प्राप्त हुआ था, और गौतम गणधर स्वामी को केवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। हम सभी को महावीर पुराण अवश्य पढ़ना चाहिए। जिनके शासन काल में हम रह रहे हैं उनके बारे में हमें सब कुछ मालूम होना चाहिए। भगवान महावीर स्वामी ने पांच सूत्र दिए थे, वह हैं
अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह
जो इन पांच सूत्रों को अंगीकार कर लेता है, वो नियम से भगवान बन जाता है। इस पावन त्यौहार पर ऐसी कोई चीज का इस्तेमाल मत करना जिससे दूसरे जीव का घात हो। मुनिश्री ने कहा कि जीवन में धर्म और पुण्य की बहुत आवश्यकता है हम भगवान महावीर के वंशज हैं हमें उनके उक्त पांच सूत्रों को हमेशा याद रखना चाहिए तभी हम जियो और जीने दो के सिद्धांत का अमल कर पाएंगे।
धर्म सभा के प्रारंभ में मुनि श्री विश्व हर्ष सागर जी महाराज ने आचार्य श्री जी की आठ द्रव्यों से पूजा करवाई।
समाज के प्रचार प्रमुख श्री सतीश जैन ने बताया कि प्रतिदिन बाहर से गुरु भक्तों का आना जारी है, आज बेंगलोर से सोमेश जैन , भोपाल से वीरेंद्र जैन और टूंडला से राजीव भैया आशीर्वाद लेने इंदौर आए । चातुर्मास कमेटी ने सभी का स्वागत किया।
आचार्य विहर्ष सागर जी महाराज का महापारणा 8 नवंबर को प्रातः होगा।
धर्म सभा के प्रारंभ में आचार्य विराग सागर जी महाराज के चित्र का अनावरण एवं दीप प्रज्जवलन किया गया।
इस अवसर पर समाज श्रेष्ठी श्री कमल काला, आकाश पांड्या , नवीन अग्रवाल, अजय बढ़जात्या , राजेंद्र जैन सहित सैकड़ों समाज जन मौजूद थे।

News by – satish jain

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