आचार्य सम्राट देवेंद्र मुनि महाराज की 93 वी जन्म जयंती मनाई
लक्ष्मी चंचल है रोकने से रुकती नहीं मनाने से मानती नहीं और फेंकने से जाती नहीं शुभ कर्मों से सिंचित लक्ष्मी का सदुपयोग करता है वही लक्ष्मी का निवास होता है उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने धनतेरस एवं आचार्य सम्राट देवेंद्र मुनि जी महाराज की जन्म जयंती पर संबोधित करते कहा कि अन्याय और अनीति से किया गया धन सिंचित मूलधन को भी समाप्त कर देता है
उन्होंने कहा कि जिस घर में परस्पर प्रेम और सद्भाव का पुष्प खिलता है वहीं पर लक्ष्मी का निवास होता है जहां कलह अशांति तनाव होता है लक्ष्मी वहाँ से विदाई ले लेती है पारिवारिक शांति सबसे बड़ी लक्ष्मी है
मुनि कमलेश से बताया कि शुभ कार्यों में लक्ष्मी का सद उपयोग परमार्थ और प्राणी मात्र की सेवा करने पर अनंत गुना ज्यादा वृद्धि होती है और फलती फूलती भी है…
राष्ट्रसंत ने कहा कि .. हाथों से दिया गया .. आत्मा की असली पूंजी है जो अगले जन्म में भी साथ चलती है इसीलिए धरती पर आंखें खोलते ही संपत्ति के मालिक कैसे बन जाते है।
जैन संत ने कहा कि खाया सो खाया जोड़ा सो यही पड़ा रहा और शुभ कार्यों में लगाया वह सार्थक रहा यही आपकी असली संपत्ति है आत्मा के धन की तीन गती है दान भोग और नाश। विजय कुमार डांगी ने आज आठ उपवास के प्रत्याख्यान ग्रहण किये है
आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी महाराज की 93 वी जन्म जयंती अहिंसा दिवस के रूप में मनाई गई। चातुर्मास समिति के मुख्य संयोजक प्रकाश भटेवरा, राजकुमार जैन पंजाबी, सुनीता छजलानी, विमल तातेड ने विचार व्यक्त किये। संचालन सुमतीलाल छजलानी ने किया।
आभार प्रकाश भटेवरा ने किया।